सुपौल में गूंजे जयकारे, मां कात्यायनी की आराधना से नवरात्र का सातवां दिन बना विशेष

न्यूज स्कैन ब्यूरो, सुपौल

शारदीय नवरात्र के सातवें दिन रविवार को सुपौल जिला पूरी तरह भक्ति और श्रद्धा में सराबोर रहा। श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया। शास्त्रों के अनुसार, मां कात्यायनी की उपासना विवाह योग्य कन्याओं के लिए विशेष फलदायी होती है और साधकों की सभी मनोकामनाओं को पूरा करती है।
इस अवसर पर बेल निमंत्रण की परंपरागत पूजा भी की गई। इसके साथ ही जिले भर के पूजा पंडालों और दुर्गा मंडपों में स्थापित प्रतिमाओं के पट खोल दिए जाएंगे। देवी दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। कतारों में खड़े होकर लोग मां के चरणों में माथा टेकते और आशीर्वाद लेते दिखे।
शहर के सार्वजनिक पूजा स्थल गांधी मैदान, बड़ी दुर्गा स्थान नया नगर ,रेलवे मालगोदाम पूजा पंडाल, समेत प्रमुख स्थलों पर मां के जयकारे गूंजते रहे। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में राघोपुर, त्रिवेणीगंज, पिपरा, निर्मली, मरौना, वीरपुर , करजाइन , किशनपुर , सरायगढ़ सहित अन्य जगहों पर भी पूजा-अर्चना पूरे उत्साह के साथ हो रहा है। मंदिरों में घंटा-घड़ियाल की ध्वनि और दुर्गा सप्तशती के पाठ की गूंज ने वातावरण को और भी शक्तिमय बना दिया।

महाआरती के समय सामूहिक भजन-कीर्तन ने श्रद्धालुओं के मन को भाव-विभोर कर दिया। भव्य प्रतिमाएं, रंग-बिरंगी रोशनी और आकर्षक तोरण द्वारों से सजे पंडाल बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों को अपनी ओर खींचते रहे।
नवरात्र का सातवां दिन केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक उत्सव के रूप में भी पूरे जिले को जोड़ता नजर आया। मां कात्यायनी की आराधना ने न केवल श्रद्धालुओं के मन में भक्ति का संचार किया, बल्कि सुपौल के वातावरण को अद्वितीय आभा से भर दिया।
अब भक्तों में अगले स्वरूप मां कालरात्रि के दर्शन और साधना को लेकर विशेष उत्सुकता है।
पूरे जिले में नवरात्र की भक्ति-ऊर्जा चरम पर है और हर ओर से गूंज रहा है