न्यूज स्कैन ब्यूरो, कैमूर
जिलेभर के नदियों और तालाबों के घाट पर माताओं ने निर्जला व्रत रख संतान की सलामती की कामना के लिए स्नान और पूजा-अर्चना की। भभुआ में बाबाजी पोखरा, पूरब पोखरा, चमनलाल पोखरा और राजेन्द्र सरोवर पर जितिया पर्व पर व्रती महिलाओं की भारी भीड़ उमड़ी।
भभुआ शहर स्थित अखलासपुर बस स्टैंड के पास बाबाजी पोखरा पर रविवार को जितिया पर्व के अवसर पर महिलाओं की भीड़ तालाब के किनारे स्नान, पूजा-अर्चना और व्रत विधि में जुटी रही। आश्विन मास की कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि को मनाया जाने वाला यह पर्व मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है।
व्रत रखने वाली माताओं ने बताया कि यह पर्व मातृत्व की शक्ति और संतान के प्रति अटूट स्नेह का प्रतीक है। महिलाएं अपनी संतान की दीर्घायु, सुख और समृद्धि की कामना के लिए कठोर तपस्या करती हैं। व्रती महिलाएं निर्जला उपवास रख संतान की मंगलकामना हेतु जलाशय में स्नान करती हैं और भगवान जीमूतवाहन की पूजा-अर्चना कर व्रत का संकल्प लेती हैं।
बाबाजी पोखरा पर पारंपरिक गीतों और लोकभक्ति की धुनों से माहौल भक्तिमय बना रहा। महिलाएं सामूहिक रूप से व्रत की कथा सुनती और पूजा-पाठ में भाग लेती नजर आईं। श्रद्धालुओं ने बताया कि यह पर्व न केवल मां और संतान के बीच संबंधों को गहराता है, बल्कि परिवार और समाज में भी एकता और सामंजस्य का संदेश देता है।
पर्व को लेकर प्रशासन ने भीड़ और सुरक्षा को देखते हुए पुलिस बल की तैनाती की थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि बाबाजी पोखरा पर जितिया पर्व हर साल पूरे क्षेत्र में धार्मिक उत्साह और सामाजिक सद्भाव का माहौल बनाता है।
कोहिरा डैम में भी जितिया पर्व को लेकर मेला का आयोजन हुआ। हजारों महिलाएं डैम में स्नान कर पूजा-अर्चना में जुटीं। कई वर्षों से यह मेला आयोजित होता है, जहाँ महिलाओं की बड़ी संख्या में भागीदारी होती है।