जब मायागंज अस्पताल में गार्ड ही सुरक्षित नहीं, तो मरीज और परिजन की सुरक्षा कैसे होगी?

न्यूज स्कैन रिपाेर्टर, भागलपुर

अस्पतालों को आमतौर पर सुरक्षित स्थान माना जाता है, लेकिन हाल ही में जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हुई एक घटना ने इस धारणा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सुरक्षा गार्ड गौरव कुमार, जो मुख्य गेट पर तैनात हैं, उनकी ड्यूटी का एक सामान्य दिन अचानक हिंसक संघर्ष में बदल गया।

घटना उस समय हुई जब टोटो चालक, जो अक्सर अस्पताल के बाहर सवारी का इंतजार करते हैं, ने अपनी गाड़ी गेट के पास खड़ी कर रखी थी। उसी समय, एक चारपहिया वाहन अस्पताल से बाहर निकल रहा था। गार्ड ने चालक से अनुरोध किया कि वाहन को हटाएँ ताकि रास्ता साफ रहे। यह सामान्य सी बात अचानक गुस्से में बदल गई, और चालक ने गौरव कुमार के कनपटी पर घूंसा जड़ दिया।

घटना को और गंभीर बनाने के लिए, चालक वहां से भागने लगा। गौरव कुमार ने पीछा किया, लेकिन चालक की मां ने बीच-बचाव कर उसे बचा लिया। इसके बाद, गौरव कुमार ने बरारी थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराई।

गौरव कुमार का कहना है कि अस्पताल में ड्यूटी के दौरान उन्हें अक्सर धमकियां मिलती रहती हैं। उनका सवाल अब भी हवा में लटका है: जब सुरक्षा करने वाले गार्ड ही सुरक्षित नहीं हैं, तो क्या आम मरीजों और विजिटर्स की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है?

इस घटना ने अस्पताल प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों के लिए भी चिंता का विषय बना दिया है। सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा और सख्त कदम उठाने की आवश्यकता अब और भी अधिक महसूस की जा रही है।