चानन नदी पर पुल और चेक डैम निर्माण की मांग को ग्रामीणों का आमरण अनशन शुरू, कहा-आश्वासन नहीं, अब कार्रवाई चाहिए

न्यूज स्कैन रिपाेर्टर, जगदीशपुर

चानन नदी पर पुल और चेक डैम निर्माण की वर्षों पुरानी मांग को लेकर टहसुर घाट पर शुक्रवार को ग्रामीणों ने पूर्व निर्धारित तिथि 3 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन आमरण अनशन शुरू कर दिया। नदी किनारे लगाए गए टेंट में दर्जनों ग्रामीण मौजूद रहे और सरकार व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।

भूख हड़ताल पर बैठे टहसुर निवासी राकेश कुमार साह उर्फ नेपाली, धनंजय कुमार और पंकज कुमार मंडल ने बताया कि चानन नदी पर पुल और चेक डैम का निर्माण नहीं होने से ग्रामीणों को लगातार परेशानी झेलनी पड़ रही है। बारिश के मौसम में नदी पार करना बेहद मुश्किल हो जाता है, जिससे बच्चों की पढ़ाई, मरीजों का अस्पताल तक पहुंचना और किसानों की खेती सब प्रभावित होती है।

खेती ठप, किसानों की बढ़ी परेशानी

ग्रामीणों ने बताया कि चेक डैम नहीं बनने से पानी का सही संचयन नहीं हो पाता, जिसके कारण गर्मी और बरसात के बाद खेत सूख जाते हैं और खेती बर्बाद हो जाती है। किसान मजबूरन परदेस पलायन कर रहे हैं।
राकेश कुमार साह ने कहा, “नेता हर चुनाव में पुल और चेक डैम का वादा करते हैं, लेकिन जीतने के बाद कोई मुड़कर नहीं देखता। हमने कई बार बैठक की, ज्ञापन सौंपा, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिला।”

ग्रामीणों ने कहा – ‘अबकी बार भूख हड़ताल से ही मिलेगा हक़’

भूख हड़ताल में शामिल ग्रामीणों ने कहा कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार चानन नदी पर पुल और चेक डैम निर्माण की स्पष्ट घोषणा नहीं करती।
धनंजय कुमार ने कहा, “हम अब आश्वासन नहीं, कार्रवाई चाहते हैं। जब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं होगा, हम अपना अनशन नहीं तोड़ेंगे।”
अनशन स्थल पर कई,न, ंं गांवों के ग्रामीण एकजुट होकर आंदोलनकारियों के समर्थन में जुटे। लोगों ने प्रशासन से शीघ्र हस्तक्षेप की मांग की है।

प्रशासन बना मौन दर्शक

ग्रामीणों के अनुसार, इस गंभीर समस्या की जानकारी कई बार अंचलाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी और जनप्रतिनिधियों तक पहुंचाई गई, लेकिन अब तक केवल लिखित आश्वासन ही मिला है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तक अधिकारियों का ध्यान नहीं जाएगा, तब तक यह आंदोलन चलता रहेगा।

ग्रामीणों की अपील – सरकार हमारी पीड़ा सुने
पुल निर्माण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह ने कहा, “हम लोग हर साल इसी उम्मीद में जीते हैं कि शायद इस बार पुल बन जाएगा, लेकिन हालात जस के तस हैं। अब हम तब तक नहीं हटेंगे जब तक काम शुरू नहीं होता।”
आंदोलनकारियों को समर्थन दिया और सरकार से शीघ्र कार्रवाई की मांग की। चानन नदी के टहसुर घाट पर अब यह आंदोलन ग्रामीणों की मजबूरी से जनआंदोलन का रूप लेता जा रहा है। अगर प्रशासन ने जल्द समाधान नहीं किया, तो आने वाले दिनों में स्थिति और गंभीर हो सकती है।