न्यूज स्कैन ब्यूरो, सहरसा
सहरसा के सोनवर्षा कचहरी थाना क्षेत्र के बिशनपुर गांव में शनिवार देर रात एक चौंकाने वाली घटना ने पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। लाखों की नकदी और जेवर चोरी करते रंगेहाथ पकड़े गए कुख्यात चोर नसीम उर्फ़ नस्सो के आवेदन पर उल्टे घायल गृहस्वामी और उनके परिजनों पर ही मारपीट का केस दर्ज कर दिया गया।
कैसे हुई वारदात
गांव निवासी मंजय साह के घर में आधी रात को नसीम अपने दो साथियों संग घुसा और करीब दो लाख रुपये के जेवर व तीन लाख रुपये नकद चोरी कर भागने लगा। साहस दिखाते हुए गृहस्वामी और उनकी बेटी ने चोर को दबोच लिया। बचने के लिए नसीम ने चाकू से वार कर मंजय साह को घायल कर दिया।
पुलिस की देरी और ‘उल्टा’ केस
रात दो बजे ही पुलिस को सूचना दी गई, लेकिन सोनवर्षा कचहरी थाना की टीम सुबह तक मौके पर नहीं पहुंची। मजबूर होकर पीड़ित पक्ष ने वरीय अधिकारियों को खबर दी, तब जाकर पुलिस आई। लेकिन चोर को पकड़ने और बरामदगी करने के बजाय, पुलिस ने नसीम के आवेदन पर गृहस्वामी और अन्य अज्ञात लोगों पर ही मारपीट का मामला दर्ज कर लिया।

ग्रामीणों में आक्रोश
ग्रामीणों का आरोप है कि नसीम का लंबा आपराधिक इतिहास है और वह हाल ही में जेल से छूटा है। इसके बावजूद पुलिस ने उसे ‘पीड़ित’ मान लिया। इस घटना से पहले भी इलाके में आधा दर्जन चोरी की वारदातें हो चुकी हैं, जिनका खुलासा पुलिस अब तक नहीं कर पाई है।
थानाध्यक्ष का बयान बनाम ग्रामीणों का आरोप
थानाध्यक्ष अंजली भारती का कहना है कि चोर को पकड़ने की सूचना समय पर नहीं दी गई और उसके साथ मारपीट की गई, इसीलिए मामला दर्ज किया गया। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि यह पुलिस की एकतरफा कार्रवाई है, जिसमें असली अपराधी को बचाया जा रहा है और पीड़ित को प्रताड़ित किया जा रहा है। ग्रामीणों ने वरीय अधिकारियों से निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।