पूर्णिया में शिक्षा का नया अध्याय : बिहार का पहला वैल्यू एजुकेशन लैब और सीमांचल के पहले वीआर लैब का हुआ उद्घाटन

न्यूज स्कैन ब्यूरो, पूर्णिया
विद्या विहार आवासीय विद्यालय, परोरा, पूर्णिया ने शिक्षा की दुनिया में एक ऐतिहासिक पहल की है। विद्यालय परिसर में रविवार को बिहार का पहला वैल्यू एजुकेशन लैब (Val-Ed Initiatives द्वारा) और कोशी–सीमांचल का पहला वर्चुअल रियलिटी लैब (Metabook XR द्वारा) का भव्य उद्घाटन हुआ। यह उपलब्धि न सिर्फ विद्यालय की दूरदर्शिता को दर्शाती है, बल्कि यह बताती है कि संस्थान विद्यार्थियों को आधुनिक तकनीक और नैतिक मूल्यों से लैस कर भविष्य के लिए तैयार करना चाहता है।

कार्यक्रम की झलकियाँ
सुबह 10 बजे Val-Ed Initiatives के सीईओ मयंक सोलंकी के साथ वैल्यू एजुकेशन लैब के विशेषज्ञ संकाय का परिचय हुआ।
दोपहर 1 बजे एटीएल, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और कला विभाग के श्रेष्ठ 9 प्रोजेक्ट्स व पेंटिंग्स की प्रदर्शनी लगाई गई।
इसके बाद विद्यालय भ्रमण हुआ और फिर जूनियर अकादमिक ब्लॉक में वैल्यू एजुकेशन लैब तथा ईस्ट ब्लॉक में वर्चुअल रियलिटी लैब का उद्घाटन हुआ।
दोपहर बाद रविबंश नारायण मिश्र स्मृति सभागार में औपचारिक समारोह आयोजित हुआ, जिसमें स्वागत गीत, नृत्य, विद्यालय गीत और पुरस्कार वितरण शामिल रहे।

अतिथियों के विचार
कृष्णा स्वरूप (कार्यपालक पदाधिकारी, बिहट नगर परिषद, वीवीआरएस एलुमनाई 2003):
“शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं होनी चाहिए। मूल्यों और आधुनिक तकनीक का यह संगम विद्यार्थियों को संवेदनशील और जिम्मेदार नागरिक बनाएगा।”

संयम राज (बीडीओ, जौखिहाट, अररिया, वीवीआरएस एलुमनाई):
“यह पहल ग्रामीण और शहरी शिक्षा के बीच की खाई को पाटेगी। समाज को केवल पढ़े-लिखे लोग नहीं, बल्कि मूल्यवान दृष्टिकोण रखने वाले लोग चाहिए।”

प्रणव कुमार (आईआईटी दिल्ली, वीवीआरएस एलुमनाई 2002):
“तकनीकी ज्ञान के साथ नैतिकता की समझ भी जरूरी है। यह संगम बच्चों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी और नैतिक दोनों बनाएगा।”

मयंक सोलंकी (सीईओ, Val-Ed Initiatives):
“यह बिहार का पहला वैल्यू एजुकेशन लैब है। शिक्षा का उद्देश्य केवल अच्छे विद्यार्थी नहीं बल्कि अच्छे इंसान बनाना है।”

राकेश पांडेय (निदेशक, Metabook XR):
“हम शिक्षा को इमर्सिव और आनंददायक बनाना चाहते हैं। यह वर्चुअल रियलिटी लैब विद्यार्थियों को पढ़ाई से जोड़ने का नया माध्यम होगी।”

विद्यालय प्रबंधन के विचार
विद्यालय के सचिव इंजीनियर राजेश चंद्र मिश्रा ने कहा कि यह पहल बच्चों के भविष्य निर्माण की दिशा में विद्यालय की दूरदर्शिता को दर्शाती है।
प्रधानाचार्य निखिल रंजन ने इसे शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और विद्यार्थियों को भविष्य के लिए तैयार करने वाला कदम बताया।

कार्यक्रम के अंत में निदेशक इंजीनियर आर. के. पॉल ने सभी अतिथियों, सहयोगी संस्थाओं और विद्यालय परिवार का धन्यवाद किया और कहा कि “आज का दिन विद्यालय के इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है।”