न्यूज स्कैन ब्यूरो, पटना
सबसे पहले आपको द न्यूज स्कैन ने ही कल बताया था कि चिराग की कम से कम पांच सीटें कम हो सकती हैं। हुआ भी वैसा ही। एनडीए के कतिपय फैसलों से नाराज हुए नीतीश कुमार ने आपत्ति की और जवाबी हमला तेज कर दिया है। जदयू ने लोजपा को मिली 5 सीटें छीन ली हैं। मोरवा, गायघाट, राजगीर, सोनबरसा और एकमा। राजगीर से वर्तमान विधायक कौशल किशोर और सोनबरसा के विधायक और मंत्री रत्नेश सदा को जदयू का सिंबल भी दे दिया गया है। इसके अलावा जदयू ने पूर्व विधायक धूमल सिंह को भी एकमा से पार्टी ने अपना सिंबल दिया है। जदयू ने लिस्ट जारी कर चिराग की डिमांडेट सीटों पर अपने उम्मीदवारों की दावेदारी भी फिक्स कर दी है। वहीं जीतन राम मांझी ने भी ऐलान किया है कि वह चिराग को मिले मखदुमपुर सीट से अपना प्रत्याशी भी उतारेंगे। एनडीए की लड़ाई अब सतह पर आ गई है। यह सामने आ गया है कि एनडीए में सब ठीक नहीं चल रहा है।
जानिए कि चिराग को अब 22 सीटें हीं मिलेंगी
अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक आपसी सहमति में चिराग को 22-23 सीटें देने की ही बात हुई थी। लेकिन अचानक 29 सीटों की घोषणा कर दी गई। ये बदलाव दिल्ली के ईशारे पर हुआ। इसे लेकर जदयू के अंदर भी विवाद तेज हो गया है। सीएम ने जदयू के कुछ वरिष्ठ नेताओं को सीमाएं भी बताई हैं। जदयू का कहना है कि जदयू का गठबंधन भाजपा से है। चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और उपेन्द्र कुशवाहा का गठबंधन भाजपा से है अतः भाजपा उन्हें मैनेज करे। भाजपा देखे कि अपनी कौन सी सीटों में इन लोगों को एडजस्ट करना है।
विवाद यहीं कि चिराग को मिली 7 सीटें जदयू की
बात दिल्ली के ईशारे पर हो रही है। टिकट बंटवारे में सबसे अहम रोल अमित शाह का रहा है। यही तय हुआ था कि भाजपा अपने कोटे से पासवान, मांझी और कुशवाहा को टिकट देगी। लेकिन चिराग को अतिरिक्त सीटें अपनी में से नहीं देकर जदयू कोटे की दे दी। जदयू का कहना है कि चिराग से इतना प्रेम भाजपा को है तो अपने हिस्सों की सीटें दे। जदयू की सीटिंग सीटों पर हुए इस खेल को लेकर जदयू के अंदर भी बवाल चल रहा है।