बिहार विधानसभा में मानसून सत्र का पहला दिन हंगामेदार, विपक्ष का वॉकर मार्च और NDA में भी दिखा टकराव

  • डिप्टी सीएम विजय सिन्हा और अशोक चौधरी में तीखी नोकझोंक

न्यूज स्कैन ब्यूरो, पटना
बिहार विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत भारी हंगामे और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के साथ हुई। विपक्षी दलों — कांग्रेस, राजद और वाम दलों के विधायकों ने जहां विधानसभा के अंदर और बाहर सरकार को घेरने की कोशिश की, वहीं सत्ता पक्ष की NDA गठबंधन की बैठक में भी डिप्टी सीएम विजय सिन्हा और मंत्री अशोक चौधरी के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली।

विपक्ष का तीखा विरोध, वोटर वेरीफिकेशन को बताया साजिश

सत्र के पहले ही दिन विपक्षी विधायकों ने वोटर लिस्ट वेरीफिकेशन, राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था, नकली दवा घोटाला और मंत्री जीवेश मिश्रा पर लगे आरोपों को लेकर जमकर हंगामा किया। विधायक काले कुर्ते और काली पट्टी बांधकर विधानसभा पहुंचे और ‘वोटबंदी नहीं चलेगी’, ‘चुनाव चोर गद्दी छोड़ो’, ‘संविधान बचाओ-लोकतंत्र बचाओ’ जैसे नारों के साथ पोर्टिको तक मार्च निकाला।

सदन की कार्यवाही महज 15 मिनट में स्थगित

हंगामे के कारण विधानसभा की कार्यवाही महज 15 मिनट में स्थगित करनी पड़ी। हालांकि इस दौरान वित्तीय वर्ष 2025-26 का पहला अनुपूरक बजट, 57,946 करोड़ रुपये का, प्रस्तुत किया गया।

दो मुद्दों पर गरमाया NDA का अंदरूनी माहौल

मानसून सत्र की शुरुआत के साथ ही NDA के भीतर भी असंतोष के सुर सुनाई दिए। सेंटरल हॉल में हुई NDA मीटिंग में डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री अशोक चौधरी को जमकर फटकार लगाई। कारण था—स्थानीय विधायकों को विभागीय कार्यक्रम में न बुलाया जाना।

ग्लोबल टेंडरिंग और प्रह्लाद यादव पर फूटा गुस्सा

ग्लोबल टेंडरिंग की नीति को लेकर भी कई विधायकों ने नाराजगी जताई। विधायकों का आरोप था कि इससे स्थानीय लोगों को काम मिलने की बजाय बाहरी लोगों को फायदा हो रहा है। बीजेपी विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू सहित कई विधायकों ने मंत्री अशोक चौधरी को इस मुद्दे पर घेरा और टेंडर नीति में बदलाव की मांग की।

दूसरी ओर, प्रह्लाद यादव को टिकट न देने के मुद्दे पर भी बयानबाज़ी हुई। ललन सिंह के एक हालिया बयान को लेकर नाराजगी जताई गई, जिसमें उन्होंने कहा था कि लखीसराय से ‘आतंक का उम्मीदवार’ नहीं बनेगा। इस बयान को BJP में शामिल हुए प्रह्लाद यादव से जोड़कर देखा गया।