न्यूज स्कैन डेस्क, पटना
अब कुछ भी परदे के पीछे नहीं है। अब तो जयचंद भी नहीं। तेजप्रताप को जब पार्टी और परिवार से बाहर किया गया तो लंबी खामोशी के बाद जयचंद का जिक्र करते हुए उन्होंने अपनी चुप्पी तोड़ी। कहा, इस पूरी साजिश के पीछे जयचंद हैं। विधानसभा चुनाव का माहौल बनते ही तेजप्रताप की सक्रियता और मुखरता पहले से तेज हो गई है। अब वे खुलकर बोल रहे हैं… समय रहते तेजस्वी संभल जाएं। वे कहते हैं, पिताजी से ही राजद का मतलब है। कोई दूसरा किसी भ्रम में नहीं रहे। तेजप्रताप स्पष्ट कहते हैं कि एेसा ही चलता रहा तो पार्टी बर्बाद हो जाएगी।
तेजप्रताप ने कहा, आरजेडी का वजूद पिताजी यानी लालू यादव जी से ही है। आगे वे कहते हैं कि जो गलत करेगा वह गड्डे में गिरेगा ही। अगर दोनों भाई मिलकर रहेंगे तो दुश्मन का सामना कर सकते हैं। यह बात तेजस्वी को समझना चाहिए। यह पूछने पर कि पार्टी से तो लालू ने उन्हें निकाला है! तेज ने कहा, लालू जी ट्विटर और फेसबुक नहीं चलाते हैं। यह सब जयचंद का किया-धरा है।
आगे अपनी बात रखते हुए तेजप्रताप कहते हैं कि कई जयचंद हैं जो तेज-तेजस्वी को अलग करना चाहते हैं। वहीं तेजस्वी ने जयचंद के सवाल को पहले तो टाला फिर बोले- पार्टी और बिहार के हित में क्या अच्छा है यह लालू जी से ज्यादा कोई नहीं जानता। लालू जी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और इस मामले में उन्होंने अपना फैसला दे दिया है। इस मुद्दे पर अब कोई बात नहीं।
समझना बस यही है कि तेजप्रताप जयचंद को लेकर हमलावर हैं लेकिन तेजस्वी किनारे से निकलना चाहते हैं। सब पानी की तरह साफ है।

अथ श्री जयचंद कथा … तेजस्वी ने कहा, अब इस पर कोई बात नहीं… वहीं तेजप्रताप ने कहा- समय रहते संभल जाएं तेजस्वी

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