अब बोले तेज – आकाश यादव और कुछ जयचंदों ने हमारी तस्वीरें वायरल कर हमारी राजनीति खत्म करने की साजिश की। लेकिन हमारा नाम तेजप्रताप यादव है। हम ऐसे टटपूंजिया लोगों से हारने वाले नहीं।”
न्यूज स्कैन डेस्क, पटना
बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव एक बार फिर सुर्खियों में हैं। आरजेडी से अलग होकर अपनी पार्टी बनाने वाले तेजप्रताप अब परिवार और पार्टी, दोनों के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोले हुए हैं। इस पूरे घटनाक्रम की जड़ एक ऐसी घटना में है, जिसने न केवल उनकी निजी ज़िंदगी बल्कि राजनीतिक करियर को भी प्रभावित किया। तेजप्रताप यादव को पार्टी और घर से बाहर किए जाने की शुरुआत उस वक्त हुई, जब उनकी करीबी दोस्त अनुष्का यादव के साथ तस्वीरें वायरल हो गईं। तेजप्रताप का आरोप है कि इन तस्वीरों को अनुष्का के भाई आकाश यादव ने ही वायरल किया। इसी विवाद ने तेजस्वी यादव और तेजप्रताप के बीच खाई चौड़ी कर दी।
शुरुआती दिनों में चुप्पी साधे रहे तेजप्रताप ने अब खोला मोर्चा
“आकाश यादव और कुछ जयचंदों ने हमारी तस्वीरें वायरल कर हमारी राजनीति खत्म करने की साजिश की। लेकिन हमारा नाम तेजप्रताप यादव है। हम ऐसे टटपूंजिया लोगों से हारने वाले नहीं।” तेजप्रताप अब लगातार छोटे भाई और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को भी निशाने पर ले रहे हैं।
उन्होंने कल ही सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि,
“राहुल गांधी और तेजस्वी लोकतंत्र बचाने निकले हैं या लोकतंत्र को तार-तार करने? जिस तरह विधायक विजय कुमार सिंह उर्फ डब्लू सिंह के गाड़ी चालक और एक पत्रकार को जयचंदों ने मारा-पीटा, वह बेहद शर्मनाक है। तेजस्वी, अभी भी समय है, अपने आसपास के जयचंदों से सावधान हो जाइए, वरना चुनाव में नतीजे अच्छे नहीं होंगे।” तेजप्रताप का यह बयान साफ संकेत देता है कि आने वाले चुनाव में वे सीधे-सीधे आरजेडी के खिलाफ खड़े होंगे।
आकाश यादव : विवाद का केंद्र
तेजप्रताप की नाराज़गी का सबसे बड़ा कारण वही नाम है, जो पिछले कई सालों से सुर्खियों में रहा- आकाश यादव। पटना यूनिवर्सिटी का छात्र रहा आकाश यादव तेजप्रताप के नज़दीक धार्मिक झुकाव का सहारा लेकर आया। दोनों की नज़दीकियां इतनी बढ़ीं कि तेजप्रताप उनके घर तक के कार्यक्रमों में शामिल होने लगे। आकाश यादव को तेजप्रताप ने छात्र राजद का प्रदेश अध्यक्ष भी बना दिया था। लेकिन प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने इस नियुक्ति को मान्यता नहीं दी और बाद में आकाश को हटा दिया। आकाश के हटाए जाने पर तेजप्रताप इतने नाराज़ हुए कि उन्होंने जगदानंद सिंह को कोर्ट तक घसीटने की धमकी दी और पार्टी गतिविधियों से दूरी बना ली। आकाश यादव की यही निकटता और विवादित भूमिका तेजस्वी और लालू परिवार के लिए खटकने लगी। पोस्टर विवाद, बैठकों से तेजस्वी की तस्वीर गायब करना और संगठन में अराजकता फैलाना, इन सबने आकाश की भूमिका को और संदिग्ध बना दिया।
नई पार्टी और बदलते समीकरण
तेजप्रताप अब अपनी नई पार्टी बना चुके हैं और उम्मीदवारों की घोषणा भी कर रहे हैं। वे न केवल आरजेडी बल्कि लालू-राबड़ी परिवार के भीतर से भी अलग-थलग पड़ चुके हैं। आकाश यादव के मुद्दे ने उनके और परिवार के बीच की दूरी को और गहरा कर दिया है। इस पूरे घटनाक्रम ने साफ कर दिया है कि लालू परिवार में सियासी दरारें अब सतह पर आ चुकी हैं। तेजप्रताप की आक्रामकता, तेजस्वी के खिलाफ बयान और आकाश यादव जैसे विवादित चेहरे की भूमिका, ये सभी आने वाले विधानसभा चुनाव में बड़े राजनीतिक विवाद की वजह बन सकते हैं। तेजप्रताप यादव के तेवर बताते हैं कि अब वे न तो चुप बैठने वाले हैं और न ही पार्टी और परिवार के फैसलों को चुपचाप मानने वाले। अनुष्का प्रकरण से शुरू हुआ विवाद अब एक ऐसे मोड़ पर है जहाँ से वापसी लगभग नामुमकिन लगती है।