न्यूज स्कैन ब्यूरो, सुपौल
त्रिवेणीगंज स्थित आवासीय गुरुकुल स्कूल में शिक्षक दिवस धूमधाम से मनाया गया। सर्व प्रथम कार्यक्रम की शुरुआत स्कूल के निर्देशक राकेश चौधरी , रूबी चौधरी सहित स्कूल के इंचार्ज विकाश आनंद ,सचिव रवि प्रकाश दास,गोविंद जोशी सहित सभी शिक्षक द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना से स्कूल की छात्रा प्रतिभा,खुशी,आकांक्षा, प्रतियुशा दास द्वारा किया गया। स्कूल के निर्देशक राकेश चौधरी ने सर्व प्रथम शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी उन्होंने बताया की शिक्षक दिवस की शुरुआत 5 सितंबर 1962 से की गई थी। यह दिन विद्वान शिक्षक और प्रसिद्ध दार्शनिक रहे भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यह दिन अपने शिक्षकों के समर्पण, मार्गदर्शन व योगदान के प्रति आभार प्रकट करने का दिन है। यह दिन गुरु और शिष्य के रिश्ते के लिए बेहद खास होता है
स्कूल के एकेडमिक सुपरवाइजर विकाश आनंद ने बताया की गुरु शिष्य का रिश्ता प्राचीनकाल से चलते रहा है और आज भी यह कायम है। उन्होंने शिक्षक दिवस की महत्ता एवं गुरु शिष्य के रिश्तों का व्याख्यान किया। छात्रों के भविष्य को उज्जवल बनाने आगे चल के अपने लक्ष्य को प्राप्त करना ही संस्थान का उद्देश्य है। मौजूद छात्र छात्राओं ने गुरु शिष्य के परंपरा को निभाने और एक अच्छे शिक्षक की तरह छात्रों ने प्रण किया कि वो अपने आस पास रहने वाले अशिक्षित, भटके हुए छात्रों को सही राह दिखाने एवं एक अच्छे इंसान बनने की प्रेरणा देंगे। उन्होंने कहा कि वैसे तो शिक्षक दिवस सभी देशों में अलग अलग तिथि को मनाया जाता है, लेकिन भारत में पांच सितंबर डा सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म के अवसर पर मनाया जाता है। जो एक शिक्षक होते हुए भारत के प्रथम उप राष्ट्रपति एवं द्वितीय राष्ट्रपति भी थे। भारत में बहुत सारे महान लोग है पर डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिन पर ही क्यों मनाया जाता है,कार्यक्रम के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसमें विद्यार्थियों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी। हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति एवं शिक्षक रहे डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन से सीख लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गुरु संसार की एक ऐसी व्याख्या है जिसके बिना व्यक्ति कुछ हासिल नहीं कर सकता है। मनुष्य को ज्ञान प्राप्त करने के लिए गुरु की आवश्यकता होती है। बच्चों की सबसे पहले गुरु उनकी माता और पिता होते हैं वे बच्चों से बहुत प्यार करते थे।
वहीं छात्राओं भगतमम,दिव्याषा कुमारी ,आयुषी कुमारी ,सुहानी कुमारी ,कृष्णा जायसवाल ,दीक्षा कुमारी ,साक्षी जायसवाल ,ऋतु रंजन सिंह,ने भी एक से बढकर एक गीत प्रस्तुत किया। छात्र-छात्राओं की सास्कृतिक प्रस्तुतियों से दर्शकों का मन मोह लिया।
मंच का संचालन कर रही स्कूल की छात्रा दिव्यासा द्वारा किया गया। मौके पर स्कूल के सभी शिक्षक ,संजीव यादव ,,कुमोध झा,आयुष शर्मा,किशोर दास,चंचल कुमार,अलका जायसवाल,श्वेता मोनी,नेहा शेखर,सपना ,जूली कुमारी , आदि माजूद थे।