सुपौल बनेगा ज्ञान का केंद्र: इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन होगा

न्यूज स्कैन ब्यूरो, सुपौल
कोसी क्षेत्र का शिक्षा जगत जल्द ही एक ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बनने जा रहा है। सुपौल अभियंत्रण महाविद्यालय, बिहार काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (बीसीएसटी) के सहयोग से 25 से 30 अगस्त तक छह दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। इसका विषय है इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस एवं सर्किट्स में हाल के विकास और उभरते अनुप्रयोग।
यह कार्यशाला देश-विदेश के नामचीन वैज्ञानिकों और प्रोफेसरों को एक मंच पर लाएगी। आईआईटी (बीएचयू) वाराणसी, आईआईटी पटना, एनआईटी जमशेदपुर, एनआईटी पटना, एमएनएनआईटी इलाहाबाद, आईआईआईटी भागलपुर, आईआईआईटी भोपाल, आईआईईएसटी शिबपुर, सेंट्रल यूनिवर्सिटी राजस्थान, पीडीईयू गांधीनगर और अमृता विश्व विद्यापीठम जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से विशेषज्ञ अपने अनुभव साझा करेंगे। सबसे बड़ी विशेषता यह होगी कि अमेरिका के स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क, बफेलो से भी एक विशेषज्ञ व्याख्यान देंगे, जिससे प्रतिभागियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की झलक मिलेगी और बिहार के छात्रों को वैश्विक शोध परिदृश्य से जुड़ने का अवसर मिलेगा।
छह दिनों तक चलने वाली इस कार्यशाला में 25 से अधिक तकनीकी सत्र होंगे। इनमें अर्धचालक तकनीक, नैनो और ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक उपकरण, आधुनिक एंटेना, उच्च शक्ति माइक्रोवेव प्रौद्योगिकी, सौर कोशिकाएँ, बायोसेंसर, फोटोडिटेक्टर और सर्किट सिमुलेशन जैसे विषय शामिल रहेंगे। यह कार्यशाला विद्यार्थियों और शोधार्थियों को नवीनतम शोध और नवाचार की दुनिया से जोड़ने का मंच प्रदान करेगी।
सुपौल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के प्राचार्य डॉ. अच्युतानंद मिश्रा ने कहा कि इस आयोजन से न केवल छात्रों को अत्याधुनिक तकनीकों का अनुभव मिलेगा बल्कि कोसी प्रमंडल का नाम राष्ट्रीय स्तर पर और भी ऊँचाई पर पहुँचेगा। कार्यशाला संयोजक एवं डीन एकेडेमिक्स डॉ. चन्दन कुमार ने बताया कि यह आयोजन युवाओं में शोध और नवाचार की नई ऊर्जा जगाएगा और बिहार के तकनीकी परिदृश्य में नया अध्याय जोड़ेगा। ईसीई विभागाध्यक्ष रवि रंजन ने कहा कि इतने बड़े स्तर की कार्यशाला से संस्थान की शैक्षणिक प्रतिष्ठा और भी सुदृढ़ होगी तथा यह आयोजन आने वाले वर्षों में और अधिक युवाओं को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की ओर आकर्षित करेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में इलेक्ट्रॉनिक्स और डिवाइस टेक्नोलॉजी कृत्रिम बुद्धिमत्ता, स्वास्थ्य सेवाओं, ऊर्जा समाधान और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) जैसे क्षेत्रों की दिशा तय करेगी। ऐसे में सुपौल जैसे क्षेत्र में इस स्तर की कार्यशाला का आयोजन पूरे राज्य के लिए गौरव की बात है। यह आयोजन न केवल एक शैक्षणिक कार्यक्रम है, बल्कि एक ऐसा अवसर है जिससे बिहार की नई पीढ़ी सीधे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों से संवाद कर अपनी सोच और दृष्टिकोण को व्यापक बना सकेगी।
कार्यशाला को लेकर संस्थान में छात्रों और प्राध्यापकों के बीच खासा उत्साह देखा जा रहा है। परिसर में तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है और आयोजन समिति का कहना है कि यह कार्यशाला सुपौल को आने वाले वर्षों में तकनीकी और शोध का नया हब बनाने की दिशा में एक ठोस कदम साबित होगी। इस पहल से न केवल छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ेगा बल्कि कोसी क्षेत्र के शैक्षणिक विकास को भी नई दिशा मिलेगी।