- जिला समन्वयक राजीव कुमार ने कहा बिहार बाल शोध कार्यक्रम के माध्यम से शैक्षणिक माहौल को मिल रहा है बढ़ावा
- इंजीनियरिंग कॉलेज में द्वितीय बिहार बाल विज्ञान शोध कार्यक्रम 2025 के लिए शिक्षकों का जिला स्तरीय प्रशिक्षण सह दिशानिर्देशन कार्यशाला का आयोजन
न्यूज स्कैन ब्यूरो, सुपौल
राज्य शिक्षा शोध व प्रशिक्षण परिषद बिहार, बिहार काउंसिल ऑन साइंस एंड टेक्नोलॉजी पटना और जिला साइंस फॉर सोसाइटी के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को स्थानीय इंजीनियरिंग कॉलेज सुपौल परिसर में द्वितीय बिहार बाल विज्ञान शोध कार्यक्रम 2025 हेतु शिक्षकों का जिला स्तरीय प्रशिक्षण सह दिशानिर्देशन कार्यशाला आयोजित हुआ। इस कार्यशाला में खाद्य सुरक्षा और पर्यावरण स्वास्थ्य के लिए प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन पर गहन चर्चा हुई। कार्यशाला की अध्यक्षता शिक्षाविद् डॉ. निखिल कुमार सिंह ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (माध्यमिक शिक्षा) आलोक शेखर आनंद, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अजय कुमार, प्राचार्य इंजीनियरिंग कॉलेज डॉ. ए.एन. मिश्रा, जिला समन्वयक राजीव कुमार व जितेन्द्र कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन कर किया। इस अवसर पर महाविद्यालय की छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत कर वातावरण को मंगलमय बना दिया। जिला समन्वयक राजीव कुमार ने कहा कि सुपौल बहुत जल्द नवाचारी विज्ञान परियोजना का केंद्र बनेगा। उन्होंने कहा कि बिहार बाल शोध कार्यक्रम के माध्यम से शैक्षणिक माहौल को बढ़ावा मिल रहा है। तकनीकी सत्र के दौरान उन्होंने कहा कि बाल विज्ञान शोध कार्यक्रम को राज्यभर के प्रतिभाशाली बच्चों को तलाशने
और तराशने का मंच है।

प्राचार्य डॉ. एएन मिश्र ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि बच्चों में विज्ञान के प्रति अभिरुचि जगाने के लिए प्रयोग और गतिविधि आधारित शिक्षण अनिवार्य है। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी आलोक शेखर आनंद ने कहा कि आज बाल वैज्ञानिक रचनात्मक कार्यों और वैज्ञानिक सोच से स्थानीय समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। उन्होंने विज्ञान में आईसीटी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और सुदूर संवेदन तकनीक की बढ़ती प्रासंगिकता पर बल दिया। अध्यक्षीय भाषण में डॉ. निखिल कुमार सिंह ने अनुसंधान में लगन, संयम और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को अनिवार्य बताते हुए प्रकृति को क्षति पहुंचाए बिना विकास कार्यों पर जोर दिया। जितेन्द्र कुमार ने खाद्य संसाधन प्रबंधन को वैश्विक चुनौती बताया। उन्होंने शिक्षकों को परियोजना निर्माण, प्रेजेंटेशन व केस स्टडी की बारीकियों से अवगत कराया।
डॉ. सुरेंद्र यादव ने सुपौल जिले के बाल वैज्ञानिकों की उपलब्धियों का उल्लेख किया और आयोजन समिति को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। इसके अलावा अवधेश कुमार, डॉ. प्रणव कुमार सिंह ने भी कार्यशाला को संबोधित किया। कार्यशाला में जिले के 117 से अधिक विद्यालयों के शिक्षकों ने भाग लिया। कार्यशाला के संचालन श्रवण कुमार, शंकर कुमार व संतोष कुमार ने की। रीता कुमारी ने धन्यवाद ज्ञापन किया।