पूर्णिया चैप्टर और विद्या विहार के छात्रों ने इंटैक नेशनल हेरिटेज क्विज में रचा इतिहास, सूबे में हासिल किया पहला स्थान

न्यूज स्कैन ब्यूरो, पटना
बिहार की राजधानी पटना के बुद्ध स्मृति पार्क संग्रहालय सभागार में आयोजित इंटैक (INTACH) राज्य स्तरीय नेशनल हेरिटेज क्विज़ प्रतियोगिता में पूर्णिया चैप्टर और विद्या विहार रेजिडेंशियल स्कूल (VVRS) के विद्यार्थियों ने इतिहास रच दिया।
इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में सबल कुमार और दर्शील की जोड़ी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया। अब यह टीम बिहार राज्य का प्रतिनिधित्व राष्ट्रीय स्तर पर करेगी। इस अवसर पर बिहार इंटैक एवं पटना चैप्टर के संयोजक भैरव लाल दास, सह-संयोजक डॉ. शिव कुमार मिश्र, पूर्णिया चैप्टर के सह-संयोजक डॉ. रमन, नवादा चैप्टर के बच्चन कुमार पांडेय, विशाल सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

राज्य भर से आई टीमों में पूर्णिया चैप्टर का दबदबा
इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (INTACH), बिहार एवं INTACH पटना चैप्टर के तत्वावधान में हुई इस प्रतियोगिता में पूर्णिया, पटना, गया, भागलपुर और नवादा चैप्टरों की कुल नौ टीमें शामिल हुईं।
क्विज़ मास्टर के रूप में श्री अतुल प्रियदर्शी उपस्थित रहे। दूसरा स्थान पटना चैप्टर एवं सेंट कैरेंस हाई स्कूल के प्रतिभागियों अर्णव प्रकाश और जयेश राणा ने प्राप्त किया।

चार वर्षों की निरंतर सफलता
पूर्णिया चैप्टर के सह-संयोजक डॉ. रमन ने बताया कि विद्या विहार रेजिडेंशियल स्कूल की टीमें लगातार चार वर्षों (2022–2025) से पूर्णिया सिटी लेवल क्विज़ की विजेता रही हैं। वर्ष 2022 में राज्य स्तर पर प्रथम स्थान, 2023 और 2024 में द्वितीय स्थान और अब 2025 में पुनः प्रथम स्थान पाना विद्यालय और पूर्णिया चैप्टर दोनों के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है।

पूर्णिया के छात्रों की प्रतिभा पर गर्व- राजेश चंद्र मिश्र
“यह उपलब्धि पूर्णिया के विद्यार्थियों की प्रतिभा, संस्कृति के प्रति समर्पण और शिक्षकों के मार्गदर्शन का परिणाम है। इस सफलता ने विद्यालय के गौरव को एक नई ऊँचाई दी है।”
विद्यालय निदेशक रंजीत कुमार पॉल ने कहा , “हमारे विद्यार्थी जब राष्ट्रीय स्तर पर बिहार और पूर्णिया का प्रतिनिधित्व करते हैं, तो यह पूरे विद्या विहार परिवार के लिए गर्व का क्षण होता है।”
विद्यालय के प्राचार्य निखिल रंजन ने विजेता छात्रों और मार्गदर्शक शिक्षकों को बधाई दी और कहा, “ऐसी प्रतियोगिताएँ विद्यार्थियों में भारत की विरासत, इतिहास और संस्कृति के प्रति गहरी समझ और सम्मान का भाव विकसित करती हैं।”