Breaking: सृजन घोटाले में आरोपी अमरेंद्र यादव की जमानत खारिज; फिर पहुंचे जेल, विभागीय कार्यवाही पर लगा ब्रेक


न्यूज़ स्कैन ब्यूरो, भागलपुर

सृजन घोटाले में फंसे जिला नजरात शाखा के पूर्व सहायक नाजिर अमरेंद्र कुमार यादव सात साल तक जेल में रहने के बाद 25 अप्रैल 2025 को सुप्रीम कोर्ट से ईडी की ओर से किए गए मनी लांड्रिंग के एक मामले में जमानत पाकर बाहर आए थे। हालांकि, जानकारी के मुताबिक उन पर कई मामले लंबित हैं और हाल ही में हाई कोर्ट ने एक अन्य मामले में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी, जिसके बाद वे फिर से जेल भेज दिए गए।

योगदान का आवेदन भी रिजेक्ट

अमरेंद्र कुमार यादव महज़ चार महीने भी बाहर नहीं रह पाए और दोबारा जेल चले गए। जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने सेवा में योगदान देने के लिए आवेदन दिया था, लेकिन डीएम ने इसे अस्वीकार कर दिया।

विभागीय कार्यवाही की सुनवाई 18 अगस्त को

इससे पहले, विभागीय कार्यवाही में सात वर्षों तक कोई ठोस प्रगति नहीं हो पाई थी। अब तक 12 बार सुनवाई की तारीख दी गई, लेकिन आरोपी के जेल में रहने के कारण हर बार कार्यवाही टल गई। अगली सुनवाई की तिथि 18 अगस्त है। हाल ही में उसके बाहर आने से सुनवाई में तेजी आने की संभावना बनी थी, लेकिन अब उनके दोबारा जेल जाने से यह प्रक्रिया फिर ठप पड़ती नजर आ रही है।

अब तक 4 संचालन पदाधिकारी बदल गए

जानकारी के अनुसार, विभागीय कार्यवाही के लिए इस मामले में कई बार संचालन पदाधिकारी बदले गए हैं। शुरुआत में एडीएम राजेश झा राजा, फिर महेश्वर सिंह, उसके बाद अजय कुमार और वर्तमान में दिनेश राम इस मामले के संचालन पदाधिकारी हैं। पिछली सुनवाई में अमरेन्द्र ने खुद उपस्थित होकर समय मांगा था। इसके बाद अगली सुनवाई की तिथि 18 अगस्त तय की गई थी। अब देखना यह होगा कि 18 अगस्त को सुनवाई होती है या एक बार फिर टलेगी और सुनवाई की अगली तिथि पड़गी ।

क्या है मामला

अमरेंद्र कुमार यादव पर आरोप है कि उन्होंने जिला नजरात शाखा की राशि को नजरात के खाते में भेजने के बजाय सृजन महिला विकास सहयोग समिति के खाते में भेजा। इसके अलावा जिन कार्यालय में रहा वहीं गडबड़ी का मामला है।