चप्पलें उठीं, आवाज़ें गूंजीं – पीरपैंती के बाढ़ पीड़ित महिलाओं का फूटा दर्द

  • जीआर राशि न मिलने से आक्रोश, सीओ पर लगाया परेशान करने का आरोप

न्यूज स्कैन रिपाेर्टर, पीरपैंती

भागलपुर जिले के पीरपैंती में सरकारी राहत के नाम पर वादे तो खूब हुए, लेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि हकदारों को सिर्फ़ इंतज़ार ही मिला। जब यह इंतज़ार भी हद से गुजर गया, तो पीरपैंती ब्लॉक परिसर में महिलाओं ने अपने हाथों में चप्पलें उठा लीं – विरोध के प्रतीक के रूप में। ग़ुस्से से चीखते हुए कहा – सीओ, बीडीओ… सबको चप्प… ल… से मारेंगे!

क्या है पूरा मामला

पीरपैंती प्रखंड स्थित रामनगर गोविंदपुर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि कुंदन यादव बताते हैं कि आधा दर्जन गांवों के लोग अब भी बाढ़ की विभीषिका से त्रस्त हैं। उनके घरों में अब भी बाढ़ का पानी भरा हुआ है, और लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं।

बाढ़ राहत के नाम पर इन पीड़ितों को सरकार की ओर से अब तक एक दाना तक नहीं मिला है। कुंदन यादव का कहना है, आज भी सीओ को लिखित शिकायत दी गई, लेकिन सिर्फ़ 15 दिन और इंतज़ार करने को कहा गया। उनका आरोप है कि पिछले तीन महीनों से सिर्फ़ आश्वासन ही दिया जा रहा है, राहत नहीं।

पीड़ित महिलाएं कहती हैं कि इस बार भी आश्वासन का इंतज़ार कर लेंगी, लेकिन अगर इसके बाद भी राहत नहीं मिली, तो सीओ के कार्यालय में ताला जड़ दिया जाएगा और भूख हड़ताल की जाएगी।

टूट गया सब्र का बांध

जीआर राशि न मिलने से क्षेत्र की महिलाओं का सब्र अब जवाब दे चुका है। वे दिनभर कार्यालय के चक्कर काट रही हैं, लेकिन न तो कोई सुनवाई हो रही है, न ही कोई समाधान निकल रहा है। महिलाओं का आरोप है कि अंचलाधिकारी द्वारा उन्हें लगातार अनदेखा किया जा रहा है। उन्हें हर बार टालने की कोशिश की जाती है और अपमानजनक व्यवहार का सामना करना पड़ता है।

हम चुप नहीं बैठेंगी! – महिलाओं की हुंकार

ब्लॉक परिसर में हाथों में चप्पल उठाकर विरोध जताना इन महिलाओं की मजबूरी बन चुकी थी। उनका साफ़ कहना है कि जब तक इंसाफ़ नहीं मिलेगा, वे पीछे नहीं हटेंगी। अब सरकार और प्रशासन से सवाल पूछने का समय आ गया है। कब तक आम जनता को उनके हक से वंचित रखा जाएगा। क्यों समय पर राहत राशि की प्रक्रिया नहीं होती और जब जनता आवाज़ उठाती है, तो सिर्फ़ फाइलें चल रही हैं वाली सफाई क्यों मिलती है?