- बड़ा सवाल : क्या अब बैंकिंग सिस्टम का यही हाल रह गया है?
रविंद्र कुमार शर्मा, भागलपुर
भागलपुर में इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। “लोन दिलवाएंगे, जिंदगी संवार देंगे” – ऐसे झूठे वादों से लोगों को जाल में फंसाने वाला एक गिरोह अब बेनकाब हो चुका है। लेकिन सबसे शर्मनाक और घिनौनी बात यह है कि महिलाओं को लोन देने से पहले उनके माथे पर जबरन सिंदूर लगाकर उनकी तस्वीरें खींची गईं – मानो ये लोन नहीं, उनकी ज़िंदगी से खिलवाड़ का सौदा हो! इसमें विधवा और युवतियों को भी जबरन सिंदूर लगाकर तस्वीरें खींची गयी.
पीड़ित रेखा देवी ने बताया कि लोन दिलवाने के नाम पर ठगी कर लिया। सीपू और पूजा, दोनों पति पत्नी है , यही लोग लोन दिलवाने के लिए आया था। एक बार बैंक भी ले गया था। नन बैंकिंग कंपनी से लोन दिलाने के लिए सारे कागजात ले लिया। लेकिन लोन की राशि नहीं आयी और पैसा उस एजेंट ने उठा लिया। अब बैंक क़िस्त के लिए दवाब बना रहा है। जबकि उसके पास पैसे आये ही नहीं हैं।
क्या है मामला?
सैकड़ों पीड़ितों ने कोतवाली थाना का दरवाज़ा खटखटाया। उनका आरोप है कि एक कथित कंपनी के प्रतिनिधि लोन दिलाने का झांसा देकर उनके नाम पर बैंक से बड़ी रकम उठाते थे, लेकिन हाथ में थमाते थे सिर्फ कुछ हजार रुपये। बाकी की रकम कहां गई? किसके पास गई? किसी को नहीं पता।
महिलाओं के साथ दरिंदगी!
सबसे दर्दनाक आरोप महिलाओं ने लगाए – “अगर शादीशुदा नहीं हो तो लोन नहीं मिलेगा,“ ये कहकर उनके साथ जबरदस्ती सिंदूर लगाया गया। ये सिर्फ धोखाधड़ी नहीं, ये महिला अस्मिता पर हमला है। इस घिनौने कृत्य की जितनी निंदा की जाए, कम है।
बैंक के नाम पर फरेब
आरोपी अलग-अलग बैंकों के नाम लेकर लोगों से दस्तावेज़ और विश्वास दोनों लूटता रहा। पीड़ितों के अनुसार आरोपी कभी डाउटबाट में देखा जाता था, कभी किसी और जगह। यानी ये कोई छोटा-मोटा फ्रॉड नहीं, एक सोच-समझकर रचा गया संगठित अपराध है।
जनता पूछ रही है
- बैंकों की भूमिका क्या थी?
- कौन इस ठग के साथ शामिल है?
- पुलिस अब तक आरोपी को गिरफ्तार क्यों नहीं कर सकी?
- क्या भागलपुर में महिलाएं अब लोन लेने से पहले अपनी अस्मिता गिरवी रखेंगी?

पीड़ितों की मांग
- तत्काल गिरफ्तारी
- बैंकों की जांच
- महिला आयोग की सक्रियता
- पीड़ितों को मुआवज़ा