न्यूज स्कैन ब्यूरो। खगड़िया
शारदीय नवरात्रि की शुरुवात 22 सितंबर सोमवार से है इस वर्ष आश्विन शुक्ल पक्ष 16 दोनों का है क्योंकि चतुर्थी तिथि की वृद्धि हो गई है। नवरात्र में तिथि की वृद्धि शुभ फल कारक होती है । इस वर्ष मां दुर्गा का आगमन हाथी पर होगा,शशि सूर्ये गजारूढा, जबकि देवी का प्रस्थान नरवाहन पर होगा अर्थात देवी की सवारी मनुष्य पर ,,सुरराजगुरौ यदि सा विजया नरवाहनगा शुभ सौख्यकरा,, मां दुर्गा के हाथी पर आगमन से अच्छी वर्षा और कृषि में वृद्धि का सूचक माना जाता है। वही देवी का प्रस्थान मनुष्य पर होने से सुख समृद्धि एवं शांति कारक माना जाता है। इस वर्ष मां दुर्गा का आगमन एवं प्रस्थान दोनों ही शुभ संकेत दायक है । इस वर्ष 10 दिनों की नवरात्रि होगी विजयदशमी को मिलाकर 11 दिन का संपूर्ण नवरात्र होगा । कलश स्थापना का शुभ अमृतमुहूर्त प्रातः 6:09 से 8:06 तक रहेगा, शुभ मुहूर्त 9:14 से 10:49 तक, अभिजीत मुहूर्त 11: 49 मिनट से 12: 38 मिनट तक रहेगा कलश स्थापना के यह सारे मुहूर्त अत्यंत शुभ फलदायक रहेंगे। आवश्यक स्थिति में सूर्यास्त से पूर्व तक कलश स्थापन किया जाएगा । 25 सितंबर गुरुवार को चतुर्थी तिथि संपूर्ण दिन और रात्रि भोगकर 26 सितंबर शुक्रवार को प्रातः 6:50 तक रहेगी। इसलिए दोनों ही दिवस में देवी के चतुर्थ कूष्मांडा रूप की पूजा होगी। 27 सितंबर शनिवार को स्कंदमाता की पूजा होगी। आज ही रात्रि हस्त नक्षत्र में सूर्य का प्रवेश होगा 28 सितंबर रविवार को गज पूजा,माता कात्यायनी की पूजा एवं संध्या में बिल्ववाभि मंत्रण देवी बोधन आमंत्रण अधिवास किया जाएगा। 29 सितंबर सोमवार को प्रातः नव पत्रिका प्रवेश के साथ देवी की प्राण प्रतिष्ठा राजसोपचार पूजन एवं रात्रि में महरात्रि निशा पूजा होगी। 30 सितंबर मंगलवार को अष्टमी तिथि का मान दिन के 1:54 तक है । इसी दिन महादुर्गा अष्टमी व्रत रखा जाएगा। संधी पूजा का शुभ मुहूर्त 13:30 से 14:18 तक है। मां दुर्गा को फल,मिष्ठान, पकवान वस्त्र आभूषण श्रृंगार सामग्री के साथ डलिया अर्पण किया जाएगा। 1 अक्टूबर बुधवार को महानवमी मनाई जाएगी। नवमी तिथि दिन के 2:46 तक रहेगी। इसका महत्व सूर्यास्त तक रहेगा। देवी के सिद्धिदात्री रूप की पूजा होगी कुमारी पूजन,कुष्मांडा बलीएवं छगबली और हवन आदि कर्म पूरा किया जाएगा । 02 अक्टूबर गुरुवार को विजयादशमी मनाई जाएगी अपराजिता पूजा, आयुध पूजन,शमी पूजन देवी विसर्जन जयंती धारण,नीलकंठ दर्शन नवरात्र व्रत पारण के साथ नवरात्रि पूर्ण हो जाएगी ।