प्रयुषण महापर्व का दूसरा दिन स्वाध्याय दिवस के रूप में मना

न्यूज स्कैन ब्यूरो,अररिया
फारबिसगंज तेरापंथ भवन में आचार्य श्री महाश्रमणजी के दिशा निर्देश और उपासक सुशील बाफना और सुमेरमल बैद की उपस्थिति में गुरुवार को पर्युषण महापर्व का दूसरा दिन स्वाध्याय दिवस के रूप में मनाया गया। बुधवार से शुरू हुए प्रयुषण महापर्व का पहला दिन खाद्य संयम दिवस के रूप में मनाया गया था।
गुरुवार को मुख्य प्रवक्ता उपासक सुशील बाफना ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जब व्यक्ति अपनी रसनेंद्रिय पर संयम कर लेता है तो वह स्वाध्याय में डुबकी लगाने के लिए तैयार हो जाता है। स्वाध्याय यानि स्वयं का अध्ययन करना। निर्जरा तत्व के 12 भेदों में एक प्रकार है स्वाध्याय।व्यक्ति धार्मिक क्रियो में रत होता है। फिर चाहे वह प्रवचन श्रवण हो,धार्मिक पुस्तकों का अध्ययन हो या आगमों का अध्ययन। हम जितना स्वाध्याय में डुबकियां लगाते हैं उतना ही आत्मा के निकट जाते हैं। जहां पुस्तकीय ज्ञान हमें बाहरी सामाजिक वातावरण में स्थिर रखता है,वहीं स्वाध्याय हमें भीतरी स्थिरता प्रदान करता है। हम अपने शरीर को सजाने के लिए कृत्रिम संसाधनों का उपयोग करते हैं, लेकिन स्वाध्याय हमें अंतर की आभा प्रदान करती है। जिससे हमारा आचरण अच्छा बनता है। स्वाध्याय करने से ज्ञानावरणीय कर्म का क्षय होता है स्वाध्याय के द्वारा जन्म जन्मांतर के कर्मों के बंधन टूटते हैं। स्वाध्याय से हम प्रायश्चित करते हैं वही स्वाध्याय हमें सर्वज्ञता भी प्रदान करता है। हमेशा हमें सद्साहित्य ही पढ़ना चाहिए,जिससे हमारे जीवन में सकारात्मक आ सके।तेरापंथ धर्म में आचार्य भिक्षु आचार्य जयाचार्य, आचार्य श्री तुलसी, आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी और आचार्य श्री महाश्रमण जी के द्वारा रचित सद्साहित्य साहित्य उपलब्ध हैं,जो हमारे जीवन में परिवर्तन ला सकते हैं। उपासक सुमेरमल बैद ने बतलाया कि स्वाध्याय पांच प्रकार से किया जा सकता है। वाचना, पृच्छना,परिवर्तना,अनुप्रेक्षा और धर्म कथा।
कार्यक्रम की शुरुआत महिला मंडल की बहनों के द्वारा पर्यूषण पर्व के स्वाध्याय दिवस पर एक गीतिका प्रस्तुत कर की गई।वहीं मौके पर मौजूद श्रावक श्राविकाओं ने पर्युषण पर्व के दूसरे दिन त्याग तपस्या और संयम के साथ उपवास,आदि को धारण कर पर्युषण पर्व की आराधना की।तेरापंथ भवन में निरंतर नमस्कार महामंत्र का जप अनुष्ठान महिला मंडल सभा युवक परिषद कन्या मंडल के सहयोग से हो रहा है।