डीडीआरएफ ने बचाई 12 श्रद्धालुओं की जान
निर्मली ( सुपौल )
सावन मास के दूसरी सोमवारी को श्रद्धा, आस्था और भक्ति की त्रिवेणी बहती नजर आई। कोसी नदी किनारे स्थित शिवालयों में सुबह होते ही भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। हर-हर महादेव और बोल बम के जयघोष से समूचा वातावरण भक्तिमय हो गया। श्रद्धालु भोर से ही डीजे की धुन पर झूमते हुए जल लेने के लिए कोसी नदी की ओर रूख कर रहे थे।
नदी में स्नान कर जल भरने के बाद श्रद्धालुओं ने कांवड़ लेकर विभिन्न शिवालयों में जलाभिषेक किया।कोसी महासेतु के पास स्थित शिव मंदिर में भीड़ उमड़ी। दूर-दराज से आए हजारों कांवरियों और स्थानीय भक्तों का सुबह से शाम तक आना-जाना लगा रहा। महिला श्रद्धालुओं की भी अच्छी-खासी भागीदारी देखने को मिली। प्रशासन की ओर से भक्तों की भीड़ को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।
कोसी नदी में स्नान और जल भरने के दौरान संभावित दुर्घटनाओं से निपटने के लिए डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स (DDRF) की टीम पूरी तरह सतर्क रही। नदी की धाराओं में बहने से पहले 12 से अधिक श्रद्धालुओं को टीम ने समय रहते बचा लिया, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया। डीडीआरएफ की त्वरित कार्रवाई की स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं ने सराहना की।इधर मझारी स्थित प्रसिद्ध बाबा कोशिकीनाथ मंदिर में भी दिनभर श्रद्धालुओं का जनसैलाब बना रहा।
मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी थी। बच्चों और परिवारों के लिए मेला और झूले की व्यवस्था ने आयोजन को और भी आकर्षक बना दिया।कांवर यात्रा और शिवभक्तों की भीड़ के कारण नेशनल हाईवे पर कई जगहों पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। कई घंटों तक जाम की स्थिति बनी रही, जिससे आमजन को आवागमन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
हालांकि, यातायात व्यवस्था को बनाए रखने के लिए स्थानीय पुलिस के जवान लगातार तैनात रहे और स्थिति को संभालते नजर आए।सावन सोमवार के इस पावन अवसर पर पूरे इलाके में भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा था। भक्ति संगीत, कीर्तन और जयकारों से वातावरण गुंजायमान रहा। हर मंदिर परिसर में विशेष पूजा का आयोजन किया गया।सावन का यह दूसरा सोमवार श्रद्धा, अनुशासन और सुरक्षा के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर प्रशासन, पुलिस और राहत टीमों की तैनाती के चलते कहीं कोई अप्रिय घटना नहीं हुई, और सभी श्रद्धालु शांति एवं श्रद्धा के साथ अपनी धार्मिक आस्था का निर्वहन कर सके।