न्यूज स्कैन रिपाेर्टर, भागलपुर
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के स्वयंसेवकों ने भागलपुर महानगर में 18 स्थानों पर शरद पूर्णिमा कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में स्वयंसेवकों ने शाखा मैदानों में खुले आकाश के नीचे चंद्रमा की चांदनी में खीर बनाई और घंटों तक उसे खुले में रखा। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा से अमृत की वर्षा होती है और खीर में अमृत का प्रवेश होता है। इसके बाद इसे सभी ने प्रसाद के रूप में ग्रहण किया।
कार्यक्रम में संध्या से ही सैकड़ों स्वयंसेवक सभी स्थानों पर उपस्थित रहे। इस दौरान सूर्य नमस्कार, योग, आसन और खेलकूद सहित विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिसमें स्वयंसेवकों ने पूरे मनोयोग से भाग लिया।
ईश्वरनगर में आयोजित कार्यक्रम में महानगर कार्यवाह श्रीधर मिश्र ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए शरद पूर्णिमा के वैज्ञानिक और पौराणिक महत्व के बारे में जानकारी दी। उन्होंने वाल्मीकि जी की जयंती का स्मरण करते हुए कहा कि वे सामाजिक समरसता के प्रतीक थे और भेदभाव रहित समाज की कल्पना करते थे।
श्रीधर मिश्र ने संघ की शताब्दी वर्ष की चर्चा करते हुए कहा कि स्वयंसेवकों को पर्यावरण की सुरक्षा, आत्म-जागरण, परिवार के संस्कार और संरक्षण, नागरिक शिष्टाचार का पालन और सामाजिक समरसता का प्रतीक बनने का प्रयास करना चाहिए।
कार्यक्रमों में भागलपुर विभाग के सह विभाग संघचालक प्रो. डॉ. राणा प्रताप सिंह, महानगर संघचालक डॉ. चंद्रशेखर साह, नगर कार्यवाह मुकेश प्रजापति, सह नगर कार्यवाह राजेंद्र वर्मा, महानगर शारीरिक शिक्षण प्रमुख रवि पंडित, संस्कार भारती के सदस्य राजेश झा, समीर, कृष्णकांत और अन्य स्वयंसेवक शामिल हुए।
बरारी सीढ़ी घाट, सरस्वती विद्या मंदिर नोपानी, नरगा, राधा कृष्ण ठाकुरवाड़ी तथा आनंदराम ढांढनिया सरस्वती विद्या मंदिर में भी शरद पूर्णिमा के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किए गए।
भागलपुर महानगर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने 18 स्थानों पर शरद पूर्णिमा पर कार्यक्रम किया
