रंगग्राम जन सांस्कृतिक मंच ने एकल नाट्य ‘ओ री चिरैया’ की प्रस्तुति की

  • प्रेमचंद जयंती समारोह समिति, दरभंगा में रंगग्राम जन सांस्कृतिक मंच, भागलपुर ने पेश किया सामाजिक संदेश से भरपूर एकल नाट्य ‘ओ री चिरैया’

न्यूज स्कैन रिपाेर्टर, भागलपुर
दरभंगा समाहरणालय प्रेक्षागृह में प्रेमचंद जयंती समारोह समिति, दरभंगा के आयोजन में रंगग्राम जन सांस्कृतिक मंच, भागलपुर द्वारा कपिलदेव रंग लिखित और निर्देशित एकल नाट्य ‘ओ री चिरैया’ का शानदार मंचन हुआ।
नाटक ने वर्तमान समय में लड़कियों की वास्तविक स्थिति को प्रभावशाली तरीके से पेश किया। कहानी में एक सफाई कर्मी कचरे के डिब्बे में जीवित नवजात शिशु पाता है। शिशु के रोने पर सफाई कर्मी उसे चुप कराने की कोशिश करता है, लेकिन बच्ची अपनी आवाज़ नहीं रोकती। इस दौरान नाटक ने भ्रूण हत्या, लड़का-लड़की भेदभाव और दहेज प्रथा जैसे सामाजिक मुद्दों पर जोरदार संवाद कहे, जिससे दर्शक भावुक और चिंतित हो उठे।
इस नाट्य प्रस्तुति में सौरभ कुमार ने अभिनय किया, जबकि गौतम कुमार ने पार्श्व संगीत प्रस्तुत किया। प्रकाश व्यवस्था का जिम्मा स्वयं निर्देशक कपिलदेव रंग ने संभाला।

डॉ. लाल कुमार, सचिव, प्रेमचंद जयंती समारोह समिति, डॉ. नंदकिशोर नंदन, पूर्व विभागाध्यक्ष, हिंदी विभाग, डॉ. बी.आर. अंबेडकर विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर, डॉ. हरिनारायण सिंह, सिंडिकेट सदस्य, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा
दो मुश्ताक अहमद, प्राचार्य, सीएम कॉलेज, दरभंगा
डॉ. कामेश्वर पासवान, भू संपदा पदाधिकारी, ललित नारायण विश्वविद्यालय, दरभंगा, डॉ. उमेश कुमार, अध्यक्ष, स्नातकोत्तर हिंदी विभाग, ललित नारायण विश्वविद्यालय, दरभंगा। कार्यक्रम का संचालन मुजाहिद ने किया।

‘ओ री चिरैया’ ने न केवल दर्शकों को भावविभोर किया, बल्कि समाज में लड़कियों के अधिकारों और उनके साथ होने वाले अन्याय के प्रति गंभीर चेतना जगाई। यह नाटक सामाजिक बदलाव और जागरूकता फैलाने का प्रभावशाली माध्यम साबित हुआ।