कई मामलों में यात्रियों द्वारा सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियो के आधार पर रेलवे प्रशासन हुआ सतर्क

न्यूज स्कैन डेस्क
यात्रियों की सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह आदेश दिया है कि भारतीय रेलवे के सभी 74 हजार डिब्बों और 15 हजार इंजनों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। निश्चत तौर पर यह एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा। उत्तर रेलवे में पायलट प्रोजेक्ट के सकारात्मक नतीजों के बाद यह निर्णय लिया गया है। यह कदम ऐसे वक्त में उठाया गया है जब हाल के महीनों में रेलवे में सुरक्षा को लेकर कई गंभीर घटनाएं सामने आई हैं।
हाल में ही सप्तक्रांति एक्सप्रेस में पेंट्रीकार मैनेजर ने महिला यात्री के साथ बदसलूकी की। महिला ने इस संबंध में मुजफ्फरपुर जीआरपी में लिखित शिकायत भी दर्ज कराई है। कहा, नशे में धुत पैंट्रीकार मैनेजर ने उसके साथ गलत व्यवहार किया। पीड़िता ने बताया कि मोतिहारी के बाद वह उनके साथ बदतमीजी करने लगा। दूसरी घटना भी हाल की ही है। देवरिया में चलती ट्रेन में महिला के साथ लूटपाट की घटना हुई। महिला के 75 हजार के जेवर भी लूट लिए। यह घटना भटनी-छपरा पैसेंजर ट्रेन में घटित हुई है। ट्रेन जैसे ही बनकटा से आगे बढ़ी कि दो अज्ञात बदमाश महिला के पास आकर बैठ गए और सोने की चेन और कान की बाली छीनने की कोशिश की। विरोध करने पर चलती ट्रेन से फेंक दिया। हाल ही में दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेस में एक महिला यात्री के साथ बदसलूकी और लूट की घटना ने यात्रियों को हिला कर रख दिया था। घटना के वक्त कोच में सुरक्षा गार्ड नहीं था और सीसीटीवी कैमरे न होने से आरोपी को पकड़ने में भी देर हुई। इससे पहले मुंबई लोकल में पर्स चोरी, छेड़छाड़ और संदिग्ध गतिविधियों की खबरें भी सामने आई थीं। कुछ मामलों में यात्रियों ने सोशल मीडिया पर वीडियो साझा कर रेलवे प्रशासन को सतर्क किया, तब जाकर कार्रवाई हो सकी।
रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के आंकड़ों के अनुसार, साल 2023 में भारतीय रेलवे में चोरी, स्नैचिंग और महिलाओं से छेड़छाड़ के कुल 47,912 मामले दर्ज हुए, जिनमें से करीब 60% ट्रेन के अंदर हुए। इसी अवधि में आरपीएफ ने करीब 60,000 संदिग्ध व्यक्तियों को पकड़ा। लेकिन तथ्य यह भी है कि ज्यादातर मामले रिपोर्ट ही नहीं होते।
दैनिक यात्रा करने वालीं दिल्ली की रीना शर्मा कहती हैं, “महिलाओं के लिए रात में ट्रेन यात्रा करना हमेशा डर का विषय रहता है। अगर कोच में कैमरे होंगे तो थोड़ी सुरक्षा महसूस होगी। पर कैमरे लगे होने के बाद भी अगर निगरानी न हो तो फायदा क्या?” जरूरी यह भी है कि मॉनिटरिंग के लिए प्रशिक्षित स्टाफ, हाई-स्पीड नेटवर्क और रियल टाइम अलार्म सिस्टम हो। रेल मंत्रालय का यह नया आदेश सुरक्षा ढांचे को व्यापक बनाने का प्रयास माना जा रहा है।
भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है और रोजाना करीब 2.3 करोड़ यात्री इसका इस्तेमाल करते हैं। इतनी बड़ी संख्या में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना रेलवे के लिए हमेशा बड़ी चुनौती रही है। आरपीएफ और जीआरपी की तैनाती के बावजूद स्टेशनों और ट्रेनों में कई जगह निगरानी का अभाव है। ऐसे में सीसीटीवी कैमरे इस खामी को दूर कर सकते हैं, बशर्ते इन्हें सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए।
रेलवे मंत्रालय ने दावा किया है कि अगले चरण में निगरानी के लिए एकीकृत कंट्रोल रूम, AI-आधारित चेहरे की पहचान प्रणाली और संदिग्ध गतिविधि ट्रैकिंग सॉफ्टवेयर विकसित किए जाएंगे ताकि संदिग्ध गतिविधियों पर तुरंत नजर रखी जा सके। इसके अलावा रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और जीआरपी को भी अतिरिक्त संसाधन दिए जाएंगे।