राहुल कुमार ठाकुर,अररिया
फारबिसगंज विधानसभा से कांग्रेस को प्रत्याशी के रूप में मनोज विश्वास ने नामांकन के अंतिम दिन सोमवार को निर्वाची पदाधिकारी सह अनुमंडलाधिकारी रंजीत कुमार रंजन के समक्ष नामांकन का पर्चा दाखिल किया।इससे पहले द्विजदेनी हाई स्कूल के मैदान में एक जनसभा का आयोजन किया गया।जिसमें महागठबंधन के नेताओं के साथ पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए और नफरत की राजनीति को खत्म करने के लिए महागठबंधन के दलों के नेताओं को वोट करने की अपील की।सांसद पप्पू यादव ने पुलवामा घटना को याद करते हुए फिर एक बार नई बहस छेड़ दी।
भाजपा पर निशाना साधते हुए सांसद पप्पू यादव ने प्रधानमंत्री से सवाल किया कि पुलवामा की घटना हुई थी या उसे करवाया गया था।उन्होंने कहा कि भाजपा हिन्दू मुसलमान,कब्रिस्तान,श्मशान, ईद बकरीद आदि में उलझा कर सामाजिक संरचना को बिगाड़ने और नफरत की राजनीति में विश्वास रखती है।उन्होंने भाजपा और केन्द्र सरकार को कहा कि सीमांचल से नफरत की बजाय मोहब्बत किया जाय और बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए कल कारखाने लगाए जाएं।उन्होंने नोटबंदी और जीएसटी को लेकर भी सवाल खड़ा किया और कहा कि जब नोटबंदी लाया गया था,उस समय भी राहुल गांधी ने विरोध जताया था और जीएसटी को लेकर भी विरोध जताया गया।लेकिन नोटबंदी से क्या फायदा हुआ,पूरा देश जानता है।एक सौ दस लोग नोटबंदी के कारण मारे गए।लेकिन मृतकों में कोई मुसलमान नहीं मरा।कांग्रेस और मुसलमानों के जमा पैसे को बाहर निकालने के लिए नोटबंदी लाई गई थी।लेकिन उनके पास पैसे नहीं थे और जो घर की मां बहनें जरूरत के लिए पैसे छिपाकर रखती थीं,उनके पैसे निकल गए।जीएसटी के कारण उन्होंने छोटे व्यापारियों को भारी नुकसान पहुंचाने की बात कही।उन्होंने कहा कि जीएसटी बिरला,अंबानी और अड़ानी जैसे कॉर्पोरेट घरानों को चलाने वाले पूंजीपतियों के लिए लाया गया।चुनाव का समय आया तो जीएसटी दर को कम किया गया।आर्थिक आजादी के साथ इंसानियत बचाने को जरूरत करार देते पप्पू यादव ने महागठबंधन के उम्मीदवार को जीताने की आम मतदाताओं से अपील की।
पूर्णिया सांसद पप्पू यादव के निशाने पर केन्द्र सरकार साथ भाजपा रही।उन्होंने केन्द्र सरकार और भाजपा को सीमांचल की याद तब आने की बात कही जब चुनाव आता है।उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य में भाजपा की शासित सरकार है।लेकिन आज तक सीमांचल और इस इलाके को विकास से मरहूम रखा गया।पलायन और बेरोजगारी सीमांचल की कोढ़ बन गई है।ट्रेनों में अपने परिवार को छोड़कर दूसरे प्रदेश में काम करने को सीमांचल के मजदूर विवश हैं।आज तक इस इलाके में सरकार की ओर से रोजगार को लेकर किसी तरह का प्लान नहीं किया गया।न किसी तरह के कल कारखाने लगाए गए।
सभा को एनडीए के घटक दल के नेताओं ने भी संबोधित किया।
चुनाव के मौसम में पुलवामा घटना को लेकर उठा सवाल,आखिर किसने उठाया मुद्दा?
