- तीन साल में तैयार होगा प्लांट, 2028 तक चालू होगी पहली यूनिट – 30 हजार करोड़ की लागत से अडानी पावर बनाएगा संयंत्र
न्यूज स्कैन रिपाेर्टर, भागलपुर
बिहार की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में आज एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भागलपुर जिले के पीरपैंती में बनने वाले 2400 मेगावाट क्षमता वाले थर्मल पावर प्लांट का शिलान्यास किया। इस परियोजना का निर्माण अडानी पावर लिमिटेड द्वारा लगभग 30 हजार करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा –“देश के विकास के लिए बिहार का विकास अनिवार्य है और बिजली आत्मनिर्भरता की दिशा में बिहार लगातार आगे बढ़ रहा है।”
पूर्णिया से वर्चुअल शिलान्यास
प्रधानमंत्री आज पूर्णिया हवाई अड्डे का उद्घाटन करने बिहार आए थे। इसी दौरान उन्होंने 40 हजार करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं की शुरुआत की। इन्हीं में शामिल पीरपैंती थर्मल पावर प्लांट का शिलान्यास उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया।

तीन साल में पूरा, दीपावली 2028 तक पहली यूनिट
इस पावर प्लांट की क्षमता 3×800 मेगावाट (कुल 2400 मेगावाट) होगी। निर्माण कार्य को तीन वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। पहली यूनिट 2028 की दीपावली तक बिजली उत्पादन शुरू कर देगी।
इसके बाद क्रमिक रूप से बाकी दो यूनिट भी चालू होंगी।
रोजगार और विकास को मिलेगा बढ़ावा
परियोजना से बिहार में बिजली आपूर्ति की स्थिति मजबूत होगी। राज्य अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ-साथ औद्योगिक और शैक्षणिक क्षेत्रों में नई संभावनाओं के द्वार खोलेगा। साथ ही इस परियोजना से हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की संभावना है। पीरपैंती में आयोजित कार्यक्रम में ऊर्जा सचिव सह बीएसपीएचसीएल के सीएमडी मनोज कुमार सिंह, एसबीपीडीसीएल के प्रबंध निदेशक महेंद्र कुमार, भागलपुर जिलाधिकारी डॉ. नवर किशोर चौधरी, एसएसपी ह्दयकांत सहित बड़ी संख्या में अभियंता और अधिकारी उपस्थित थे।
तेजी से आगे बढ़ा प्रोजेक्ट
फरवरी 2025 में राज्य मंत्रिपरिषद ने इस परियोजना की निविदा प्रक्रिया के लिए बिहार स्टेट पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड को नोडल एजेंसी नियुक्त किया था। कुछ ही महीनों में प्रक्रिया पूरी कर दी गई और आज यह परियोजना धरातल पर उतरने की दिशा में निर्णायक कदम उठा चुकी है। ऊर्जा विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में यह संयंत्र बिहार को न केवल ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाएगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाइयों तक ले जाने में मील का पत्थर साबित होगा।