पटना से पूर्णिया का सफर अब तीन घंटे में, यह एक्सप्रेस-वे है विकास की नई रेखा

सिर्फ सफर का समय कम नहीं होगा बल्कि यह पूरे इलाके की आर्थिक रीढ़ साबित होगा

न्यूज स्कैन ब्यूरो, पटना
प्रदेश सरकार ने पटना से पूर्णिया के बीच छह लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे को मंजूरी दे दी है। यह एक्सप्रेस-वे पटना के पास वैशाली से शुरू होकर समस्तीपुर, दरभंगा, सहरसा, मधेपुरा होते हुए पूर्णिया तक जाएगा। इस रूट पर 20 बड़े पुल और 130 छोटे पुल होंगे। छह लेन के इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे से राजधानी पटना से पूर्णिया की दूरी महज तीन घंटे में पूरी की जा सकेगी। यह एक्सप्रेस-वे वैशाली के सराय टोल प्लाजा से शुरू होकर समस्तीपुर, दरभंगा, सहरसा और मधेपुरा होते हुए पूर्णिया के पास एनएच 27 पर समाप्त होगा। परियोजना में 20 बड़े पुल, 130 छोटे पुल, 11 आरओबी, 19 इंटरचेंज और 309 वीयूपी शामिल हैं। एनएचएआई के अनुरोध पर इसे मंजूरी दी गई है। बैठक की अध्यक्षता मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने की। प्रदेश सरकार ने आग्रह किया है कि टेंडर प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी। सरकार चाहती है कि इसी साल इसके निर्माण की प्रक्रिया शुरु हो जाए। यह परियोजना बिहार के पूर्वी और उत्तर-मध्य जिलों के लिए एक बड़ा परिवर्तनकारी कदम है।
यह एक्सप्रेस वे न केवल राजधानी और सीमांचल को जोड़ने वाला मार्ग बनेगा, बल्कि इसके माध्यम से राज्य के आर्थिक परिदृश्य में भी व्यापक बदलाव की उम्मीद की जा रही है। वर्तमान में पटना से पूर्णिया की सड़क यात्रा 6 से 8 घंटे का समय लगता है। लेकिन इस नई पहल से यह यात्रा महज तीन घंटे में पूरी की जा सकेगी। इससे न केवल यात्रा समय घटेगा, बल्कि ट्रांसपोर्ट लागत और ईंधन व्यय भी कम होगी। अब सफर भी आराम का होगा।
जानिए कि किन-किन जिलों को इसका क्या लाभ रहेगा। वैशाली से इस एक्सप्रेस-वे की शुरुआत होगी। व्यापारिक राजधानी और पूर्वी बिहार से यह जुड़ाव भविष्य में क्रांतिकारी साबित होगा। कृषि उत्पादों के ट्रांसपोर्टेशन में कमी आएगी। समस्तीपुर क्षेत्र सब्जी, तंबाकू और गन्ना के बेहतर उत्पादन के लिए जाना जाता है। अब उत्पादों के बाजार तक पहुंचने के इस क्रांतिकारी रूट से किसानों को सीधा लाभ होगा। दरभंगा से गुजरने की वजह से एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी बेहतर होगी। पर्यटन और व्यापार दोनों को बेहतर गति मिलेगी। सहरसा और मधेपुरा इलाके में विकास की गति अपेक्षाकृत कम रही है। निश्चित रूप से औद्योगिक निवेश और रोजगार को गति मिलेगी। पूर्णिया को सीमांचल का द्वार कहा जाता है। सीमांचल का द्वार माने जाने वाला यह जिला अब राजधानी से सीधा जुड़ जाएगा। पूर्वोत्तर राज्यों से भी संपर्क तेज होगा और कृषि, ट्रांसपोर्ट और ट्रैवल इंडस्ट्री को गति मिलेगी।
इस कदम का व्यापक आर्थिक व सामाजिक प्रभाव होगा। दरभंगा, मधेपुरा और सहरसा जैसे क्षेत्रों में अब औद्योगिक पार्क, वेयरहाउस और लॉजिस्टिक हब बनने की संभावना है। अब बड़े अस्पताल और विश्वविद्यालयों तक भी पहुंच आसान होगी। मिथिलांचल के धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों की यात्राओं में सहूलियत होगी। पटना और अन्य प्रमुख मंडियों तक कम लागत में किसानों की पहुंच आसान हो जाएगी। ना केवल पूर्णिया-पटना बल्कि यह पूर्वी भारत के बड़े हिस्से के लिए आर्थिक रीढ़ साबित होगा।
यह न केवल पटना और पूर्णिया को बल्कि पूर्वी भारत के बड़े हिस्से को जोड़ने वाली आर्थिक रीढ़ साबित हो सकता है।