न्यूज स्कैन रिपाेर्टर, भागलपुर
रेलवे सुरक्षा बल (RPF) मालदा मंडल ने सोमवार को एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। “ऑपरेशन वाइलैप” के तहत फारक्का एक्सप्रेस (गाड़ी संख्या DN 15734) से 130 जिंदा और 8 मृत कछुए जब्त किए गए। मामले में उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले से आए 10 तस्करों को गिरफ्तार किया गया है।
आरपीएफ ने यह कार्रवाई डिविजनल रेल प्रबंधक श्री मनीष कुमार गुप्ता के निर्देशन में की। यह अब तक का सबसे बड़ा वन्यजीव जब्ती ऑपरेशन माना जा रहा है जो रेलवे के जरिए हो रहा था।
कोच से आ रही थी बदबू, बैगों की हलचल ने किया सतर्क
यह ऑपरेशन तब शुरू हुआ जब ASI मोहम्मद इंतखाबुल आलम, जो एस्कॉर्टिंग टीम के इंचार्ज थे, ने ट्रेन के S-4 कोच में कुछ बैगों और झोलों से आ रही तेज दुर्गंध और हलचल को नोटिस किया। संदेह होने पर यात्रियों से पूछताछ की गई, तो कुछ ने कछुए ले जाने की बात कबूल ली। ASI आलम ने तत्परता दिखाते हुए मालदा टाउन स्टेशन पर आरपीएफ टीम को अलर्ट किया।
प्लेटफॉर्म नंबर 4 पर घेराबंदी, 45 बैगों से निकले कछुए
जैसे ही ट्रेन मालदा टाउन स्टेशन पहुंची, प्लेटफॉर्म नंबर 4 पर आरपीएफ की टीम ने छापा मारा। तलाशी में 45 बैग और झोलों में छुपाकर रखे गए विभिन्न आकारों के कछुए बरामद किए गए। ये बैग सीटों के नीचे और ऊपर खांचे में छिपाए गए थे।गिनती के बाद सामने आया कि 130 कछुए जिंदा और 8 मृत थे।
गिरफ्तार सभी तस्कर यूपी के, वन विभाग को सौंपे गए कछुए
गिरफ्तार किए गए 10 लोगों में पुरुष और महिलाएं दोनों शामिल हैं। सभी तस्कर उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के रहने वाले हैं। सभी को कानूनी प्रक्रिया के तहत RPF पोस्ट लाया गया और वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत कार्रवाई के लिए वन विभाग को कछुए सौंपे गए।
“ऑपरेशन वाइलैप” से तस्करी पर शिकंजा
RPF मालदा मंडल लगातार “ऑपरेशन वाइलैप” के जरिए रेलवे रूट से हो रही अवैध वन्यजीव तस्करी पर नजर रख रही है। इस कार्रवाई ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि आरपीएफ सिर्फ रेलवे संपत्ति और यात्रियों की सुरक्षा ही नहीं, बल्कि देश की जैव विविधता की रक्षा के लिए भी पूरी तरह से सजग और सक्रिय है।