न्यूज स्कैन ब्यूरो, सुपौल /राघोपुर
राघोपुर थाना क्षेत्र के नगर पंचायत सिमराही वार्ड संख्या 12 स्थित करोड़ी धामी टोला के महादलित समुदाय के लोगों का सब्र अब जवाब दे चुका है। वर्षों से सड़क की मांग कर रहे ये गरीब-मजदूर अब सरकारी आश्वासन और नेताओं की खोखली बातों से तंग आकर आगामी विधानसभा चुनाव में मतदान बहिष्कार करने का ऐलान किया है। ग्रामीणों का आरोप है कि जिला प्रशासन से लेकर सांसद व स्थानीय जनप्रतिनिधि सभी ने केवल आश्वासन का झुनझुना पकड़ा कर उन्हें छलने का काम किया है। लोकसभा चुनाव के समय सड़क बनाने की गारंटी देकर नेताओं ने वोट ले लिया, लेकिन आज तक एक गड्ढा तक नहीं खोदा गया। पीड़ित ने शनिवार को सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड कार्यालय पहुंचे थे। जहां डीएम सावन कुमार ने एक बैठक में भाग लेने पहुंचे थे। डीएम को उक्त बैठक से निकलने के बाद पीड़ित लोगो ने डीएम को लिखित आवेदन देकर अपने टोला तक सड़क निर्माण हेतु जमीन उपलब्ध कराकर सड़क बनाने की मांग किया। पीड़ित ने आवेदन में कहा यदि अविलंब उनलोगों के टोला तक सड़क उपलब्ध नहीं कराया जाता हे तो आगामी विधानसभा चुनाव में वे लोग वोट बहिष्कार के लिए बाध्य हो जाएगा।
जिलाधिकारी से लेकर एसडीएम तक की वादाखिलाफी
डीएम को दिए आवेदन में करोड़ी धामी टोला के अमीन धामी, जयप्रकाश कुमार, सन्नी देवल धामी, पप्पू धामी, राजो धामी, नूनू धामी, किसिया देवी, कृष्ण धामी, जामुन धामी, मुकेश धामी सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि सड़क निर्माण की मांग को लेकर वे लोग कई बार डीएम के जानता दरबार पहुंचे। जिलाधिकारी कार्यालय से लेकर अंचलाधिकारी तक ने जांच कर रिपोर्ट भेजी। जिसमे जिलाधिकारी सुपौल कार्यालय ने 22 सितंबर 2023 को पत्रांक 1480-1/गो. सुपौल के जरिए अंचलाधिकारी राघोपुर को पत्र भेजा। जांच के बाद अंचलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि मौजा रामपुर की गैरमजरुआ खास जमीन जिसका खेसरा नं. 481 है पर महादलित समुदाय का आवागमन होता है और इसी को लोकभूमि घोषित करने की अनुशंसा करते हुए 30 जनवरी 2025 को पत्रांक 299 के तहत अनुमंडल पदाधिकारी बीरपुर को प्रस्ताव भेजा गया। लेकिन आज तक उस प्रस्ताव पर धूल जमी है, कार्रवाई नहीं।
ग्रामीणों का दर्द साफ झलकता है। सड़क नहीं होने के कारण उन्हें रोज दूसरे रैयतों के खेत की मेड़ से गुजरना पड़ता है। इस दौरान आए दिन गाली-गलौज और अपमान का सामना करना पड़ता है। बीमार पड़ने पर एंबुलेंस टोला तक नहीं पहुंच पाती, बच्चे की पढ़ाई-लिखाई प्रभावित होती है और महिलाएं व बुजुर्ग तक यातना झेलने को मजबूर हैं।
आवेदन में ग्रामीणों ने खुलासा किया कि बीते लोकसभा चुनाव में जब उन्होंने मतदान बहिष्कार किया था तो स्थानीय सांसद दिलेश्वर कामैत के प्रतिनिधि ने फोन पर और उन लोगों से मुलाकात कर सड़क बनाने की गारंटी दी थी। उस समय एसडीएम बीरपुर ने भी उक्त टोला पर पहुंचकर चुनाव के बाद सड़क उपलब्ध कराने का वादा किया था। लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात निकला। ग्रामीणों ने डीएम को आवेदन देकर साफ चेतावनी दी है कि अबकी बार यदि सड़क नहीं बनी, तो उक्त टोला के लोग आगामी विधानसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार करेंगे और सरकार व नेताओं को उनके वादाखिलाफी का असली जवाब देंगे। हालांकि पीड़ित ने बताया की डीएम को आवेदन देने के बाद डीएम ने अविलंब सड़क बनवाने की बात कही हे लेकिन ऐसा नहीं होगा तो उन लोगो के द्वारा अन्य तरीके से भी अपना विरोध प्रकट किया जाएगा।