प्रशासन की महापरीक्षा: बाढ़ और त्योहारों का संग्राम; राहत, सुरक्षा और व्यवस्था की जंग से कैसे निपटेगा जिला प्रशासन?

  • अगला हफ्ता भागलपुर प्रशासन के लिए परीक्षा की घड़ी: बाढ़ के बीच त्योहारों से निपटने की चुनौती, जानिए अब तक की तैयारियां


न्यूज स्कैन रिपोर्टर, भागलपुर

भागलपुर में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। बढ़ते जलस्तर के चलते प्रशासन पूरी ताकत से राहत और बचाव कार्यों में जुटा है। जिले के विभिन्न इलाकों में पानी की आवक और प्रभावित परिवारों की संख्या बढ़ने से प्रशासन की सक्रियता बढ़ गई है।

आने वाला अगला सप्ताह प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण साबित होगा क्योंकि इस दौरान जिले में कई बड़े त्योहार मनाए जाएंगे। 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस, 15-16 अगस्त को चेहल्लूम, 16 अगस्त को जन्माष्टमी और 17 से 19 अगस्त तक विषहरी पूजा कार्यक्रम निर्धारित हैं।

प्रशासन की तैयारियां

सभी संबंधित विभागों को सुरक्षा और विधि व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कड़े निर्देश दिए गए हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जहां भोजन, स्वच्छ जल और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। त्योहारों के दौरान बड़ी संख्या में जनसमूह के मद्देनजर पुलिस और सुरक्षा बल पूरी तैनाती के साथ मौजूद रहेंगे। आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है।


विषहरी पूजा (17-19 अगस्त) के लिए विशेष प्रबंध

भागलपुर जिला प्रशासन ने विषहरी पूजा के आयोजन को शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित तरीके से संपन्न कराने के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं। जिला अधिकारी द्वारा अनुमंडल पदाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी और अन्य संबंधित विभागों को निम्नलिखित निर्देश दिए गए हैं:

  1. पूजा स्थलों पर मूर्तियों की सुरक्षा और चार्ट (रूट मैप) की व्यवस्था।
  2. संदिग्ध स्थानों की चिन्हित कर सख्त सुरक्षा।
  3. पूजा समितियों के साथ बैठक कर जुलूस मार्ग सुनिश्चित करना।
  4. विसर्जन जुलूस का मिनट-टू-मिनट प्रबंधन।
  5. गैरकानूनी गतिविधियों पर संबंधित धाराओं के तहत कार्रवाई।
  6. पुलिस एवं सुरक्षा कर्मियों की सूची तैयार करना।
  7. सीसीटीवी कैमरा और नियंत्रण कक्ष की व्यवस्था।
  8. लाइसेंसधारियों में युवाओं और उदार व्यक्तियों की संख्या संतुलित रखना।
  9. अनुमंडल पदाधिकारियों द्वारा विसर्जन जुलूस की कड़ी निगरानी।
  10. पूजा स्थल और घाटों पर जनरेटर और पर्याप्त बिजली व्यवस्था।
  11. पूर्व के कांडों में संलिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई।
  12. थानाध्यक्ष की पूरी जिम्मेदारी तय।
  13. सामाजिक तनाव रोकने के लिए तत्परता।
  14. गैरकानूनी पटाखों पर रोकथाम।
  15. विसर्जन के बाद घाटों की सफाई।
  16. एनडीआरएफ टीम की निगरानी।
  17. पर्यावरण संरक्षण और सुरक्षा का विशेष ध्यान।

चेहल्लूम (15-16 अगस्त) की तैयारी

पुलिस और प्रशासन को पूरे जोर-शोर से सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश।

संदिग्ध स्थलों पर विशेष निगरानी।

ताजिया जुलूस निकालने वाली समितियों के साथ बैठक कर मार्ग, समय और अन्य व्यवस्थाओं का निर्धारण।

अनुमति प्राप्त ताजिया जुलूस एवं ताजियों को नियमित करने के लिए आवश्यक दस्तावेज तैयार करना।

पुलिस एक्ट और संबंधित धाराओं के तहत कार्रवाई।

किसी भी शांति भंग या अराजकता पर तत्काल कदम।

भीड़भाड़ वाले स्थानों पर पर्याप्त रोशनी।

पूर्व के अपराधी या दंगाइयों पर कड़ी नजर।

शांति समिति की बैठक कर शांति बनाए रखने के उपाय।

पुलिस अधिकारियों को क्षेत्रीय शांति बनाए रखने के सख्त निर्देश।