सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बैठक की: कहा- अंग क्षेत्र के विकास का ब्लूप्रिंट चाहिए

न्यूज स्कैन रिपाेर्टर, भागलपुर

गांधी शांति प्रतिष्ठान केंद्र भागलपुर में प्रकाश चंद्रगुप्ता की अध्यक्षता में सामाजिक कार्यकर्ताओं की बैठक हुई। बैठक में डॉ. सुनील अग्रवाल,अनुल हुदा , प्रो.मनोज कुमार,तकी अहमद जावेद,अनीता शर्मा,डॉ. उमेश प्रसाद नीरज,सहमति के आधार पर मांग पत्र तैयार किया गया।
भागलपुर और अंग क्षेत्र लगातार उपेक्षा का शिकार रहा है। यहां की जनता को ठगने का काम हर चुनाव में हुआ है। नेताओं की निष्क्रियता और जनता की उदासीनता ने विकास को रोके रखा है। अब समय आ गया है कि हम अपने जनप्रतिनिधियों से कठोर सवाल पूछें।

जनप्रतिनिधियों से पूछे जाएंगे ये सवाल

  1. सैंडिस कंपाउंड: सांसों पर टिकट का पहरा, जनप्रतिनिधि, नेता और वोट मांगने वाले दल सो रही है। प्रशासन को,व्यापारिक उपयोग की चिंता, जनता की सुविधाओं की उपेक्षा।
  2. लाजपत पार्क: दीप नारायण सिंह द्वारा दान और गांधीजी द्वारा नामकरण किया गया, पर आज पहचान मिट रही है।
  3. भागलपुर प्रमंडल के ऐतिहासिक सांस्कृतिक स्थल की उपेक्षा: क्या हुआ?
  4. अंगिका भाषा: BPSC की शिक्षक बहाली में विषय शामिल नहीं, जबकि भागलपुर विश्वविद्यालय में पढ़ाई होती है। अंगिका अकादमी वर्षों से निष्क्रिय।
  5. नमामि गंगे में करोड़ की लूट। हिसाब मांगिए।
  6. भागलपुर–पीरपैंती मार्ग वर्षों से अधूरा।
  7. भागलपुर–झारखंड फोरलेन चुनावी मुद्दा बना, घोषणा के बाद क्या काम हुआ?
  8. स्मार्ट सिटी के नाम पर खानापूर्ति, सड़कों की दुर्दशा। सड़कों पर कूड़े कचरे का अंबार। दक्षिण भागलपुर की अत्यधिक उपेक्षा।
  9. नदियों से अत्यधिक बालू निकासी।
  10. सिंचाई नाले 10–15 फीट ऊँचे, किसानों की मांग पर भी चेक डैम नहीं बने।
  11. नहरों की मरम्मती केवल कागज पर।
  12. औद्योगिक और आर्थिक विकास
    कहलगांव थर्मल पावर:CSR का पैसा क्षेत्र में उपयोग नहीं।
  13. किसानों की जमीन ₹1 प्रति डिसमिल पर अदानी को क्यों दी गई।
  14. 10 लाख पेड़ों की कटाई, पर्यावरणीय संकट।
  15. कृषि आधारित प्रोसेसिंग सेंटर (सब्जी, आम, केला, अनाज) नहीं बने। कपड़ा उद्योग चौपट।
  16. केंद्रीय विश्वविद्यालय विक्रमशिला:-
    वर्षों से केवल जमीन की पैमाइश, वास्तविक स्थापना नहीं।
  17. आयुर्वेदिक और होम्योपैथी कॉलेज:बिहार के सबसे पुराने कॉलेज, पर पुनर्निर्माण की सूची से बाहर।
  18. बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर: सबसे पुराना, पर केंद्रीय दर्जा पूसा-मुजफ्फरपुर को मिल गया।
  19. रेलवे DRM कार्यालय: भागलपुर से तीन साल बाद बंद कर दिया गया, आवाज नहीं उठी।
  20. पूर्णिया, दरभंगा, देवघर से उड़ानें शुरू, पर भागलपुर हवाई अड्डा चारागाह बनकर रह गया।
  21. शहरी विकास और नगर निगम
    भागलपुर शहर: जाम, गड्ढ़ों वाली सड़कें, कूड़े के ढेर।
  22. नगर निगम “नरक निगम” बन चुका है। दक्षिण भागलपुर की स्थिति सबसे बदहाल।

जनता से अपील

क्या हमें केवल जाति और धर्म के नाम पर ठगा जाता रहेगा? क्या हमारे नेताओं का काम केवल चुनाव जीतना और वादे करना है? हमारी भाषा, संस्कृति, पहचान और संसाधनों की लूट अब और बर्दाश्त नहीं।
उपरोक्त मांगो को लेकर बैठक में गहन चर्चा हुई। इस चर्चा में बिना सिन्हा, अनीता शर्मा, रिजवान , संजय कुमार, राजीव कुमार, इंजीनियर अमन, बासुदेव भाई, डॉ उमेश प्रसाद नीरज, प्यारी देवी, मो. तकी अहमद जावेद, कुमार संतोष, दाऊद अली, राजकुमार, मो. शाहबाज, मो. इम्तियाज एवं मिंटू कलाकार ने भाग लिया। चर्चा में ये बातें भी सामने आई कि अगर सरकार और प्रशासन ध्यान नहीं देंगे तो आंदोलन किया जाएगा। संचालन संजय कुमार ने किया और धन्यवाद ज्ञापन वासुदेव भाई ने किया।