प्रदीप विद्रोही, भागलपुर
राजनीति में कुछ लम्हे प्रतीक बन जाते हैं और जिले के कहलगांव का मंगलवार का दिन कुछ वैसा ही था। जब एनडीए के कार्यकर्ता सम्मेलन में शारदा पाठशाला के मंच पर सभी घटक दल के दिग्गज एक साथ नजर आए, तो सिर्फ फोटो नहीं बनी, एक संदेश गढ़ा गया – एनडीए एक है और पूरी तैयारी में है। लोगों ने कहा – राजनीति की तस्वीरें अक्सर बदलती रहती हैं, लेकिन कहलगांव का यह सम्मेलन भविष्य की पटकथा का पहला पन्ना साबित हो सकता है। भीड़ ने स्पष्ट कहा जिले भर में हुए सम्मेलनों में कहलगांव नम्बर वन पर अपना स्थान बना लिया।
ढोल-नगाड़े और जयघोष, बना ऊर्जा का संगम
कार्यकर्ता सम्मेलन तो था, लेकिन माहौल किसी चुनावी रैली से कम न था। ढोल-नगाड़ों की थाप, भारत माता की जयकार, और पारंपरिक वेशभूषा में आदिवासी समाज की भागीदारी – ये सब मिलकर एक सांस्कृतिक और राजनीतिक संगम रच रहे थे। भीड़ इतनी उमड़ी कि पंडाल की सीमाएं छोटी पड़ गईं और उत्साह की लहरें लगातार मंच तक टकरा रही थीं।

एक मंच, सौ चेहरे – एक संकल्प
सम्मेलन का सबसे अहम दृश्य वह था, जब सैकड़ों कार्यकर्ताओं के बीच मंच पर एनडीए के करीब दो सौ नेता एक साथ मौजूद थे। भाजपा जिलाध्यक्ष संतोष साह की अध्यक्षता और जदयू जिलाध्यक्ष विपिन बिहारी सिंह के मंच संचालन में आयोजित इस कार्यक्रम में संगठन की मजबूती और सामूहिक नेतृत्व की झलक साफ दिखी। विधायक पवन यादव ने मंच से जब कार्यकर्ताओं का अपनी माटी अपनी बोली अंगिका में अभिनंदन, वंदन किया तो पंडाल में फैले कार्यकर्ताओं ने भी मुट्ठी बांधकर हवा में लहराते हुए जोश भर दिया। विधायक पवन के साथ जेडीयू नेता ई शुभानंद मुकेश के नाम के भी जयकारे लगे। मंच पर सांसद धर्मशीला गुप्ता, जिला संगठन प्रभारी जेडीयू सह राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष प्रहलाद सरकार,विधायक प्रमोद चन्द्रवंशी, ललित नारायण मंडल, विजय यादव, फजल इमाम मल्लिक, नीलेश सिंह, ज़िप सदस्य सोनी कुमारी, नगर पंचायत अध्यक्ष संजीव कुमार, शैलेन्द्र तोमर और शहबाज आलम मुन्ना जैसे हर चेहरे से यही झलक रहा था कि ये सम्मेलन एक सामान्य जुटान नहीं, बल्कि एक संगठित शक्ति प्रदर्शन है।
2025 फिर से नीतीश – मंच से गूंजा भरोसा
हर वक्ता ने मंच से एक ही बात दोहराई: नीति भी है, नेतृत्व भी है, और नीयत भी। अब ज़िम्मेदारी कार्यकर्ताओं की है कि ये विश्वास जन-जन तक पहुंचे। महिला नेताओं ने विशेष रूप से महिला शक्ति की भागीदारी पर ज़ोर दिया, और कहा कि अब महिलाएं सिर्फ मतदाता नहीं, निर्णायक भूमिका में हैं।
तीन प्रखंड, एक धड़कन
कहलगांव, सन्हौला और गोराडीह तीनों प्रखंडों से उमड़ी भीड़ ने यह स्पष्ट कर दिया कि एनडीए की पकड़ सिर्फ शहरी क्षेत्रों तक सीमित नहीं है। ग्रामीण इलाकों से भारी भागीदारी ने भविष्य का संकेत दे दिया – ज़मीन पर एनडीए मजबूत है, और विपक्ष को चुनौती देने के लिए तैयार।
सम्मेलन नहीं, संकेत था
कार्यक्रम के अंत में जो बात नेताओं ने कही, वही इस पूरे आयोजन का सार थी कि यह सिर्फ सम्मेलन नहीं था, बल्कि हमारी एकजुटता और संकल्प का सार्वजनिक ऐलान था। इस मंच पर जो दिखा, वह केवल राजनीति नहीं थी, वह एक रणनीति थी। एनडीए ने साफ कर दिया कि अबकी बार कोई संशय नहीं – हम साथ हैं, और हम तैयार हैं।