न्यूज स्कैन ब्यूरो, सुपौल
सुपौल इंजीनियरिंग कॉलेज में आयोजित सप्ताहीय राष्ट्रीय कार्यशाला इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ एवं सर्किट्स में उभरते अनुप्रयोग” के पाँचवें दिन प्रतिभागियों को आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स और भविष्य की तकनीकों से जुड़े विविध विषयों पर गहन जानकारी प्राप्त हुई। कार्यशाला का आयोजन बिहार काउंसिल ऑन साइंस एंड टेक्नोलॉजी के सहयोग से किया जा रहा है।
पहला सत्र डॉ. अर्जुन कुमार (एनआईटी जमशेदपुर) का रहा। उन्होंने विभिन्न हाई पॉवर माइक्रोवेव डिवाइसेज के आधुनिक उपयोग विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि हाई पावर माइक्रोवेव तकनीक रक्षा, अंतरिक्ष अनुसंधान और संचार प्रणालियों में कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
इसके बाद डॉ. जोगेन्द्र सिंह राणा (आईआईआईटी भोपाल) ने “नेक्स्ट जनरेशन फ़ोटोडिटेक्टर्स: सिलिकॉन से 2डी मैटेरियल्स विषय पर प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि कैसे 2 डी मटेरियल्स आधारित नए फोटोडिटेक्टर्स पारंपरिक सिलिकॉन तकनीक की सीमाओं को पार कर भविष्य की उच्च गति और संवेदनशील ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक प्रणालियों का मार्ग प्रशस्त करेंगे।
तीसरे सत्र में डॉ. सर्वेश दुबे (बी.आर.ए.बी. विश्वविद्यालय, मुज़फ्फरपुर) ने सेमीकंडक्टर डिवाइसेज के लिये प्रारंभिक क्वांटम मैकेनिक्स विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने क्वांटम यांत्रिकी के मूलभूत सिद्धांतों को सरल रूप में समझाया और बताया कि किस प्रकार यह आधुनिक सेमीकंडक्टर डिवाइस डिज़ाइन का आधार है।
अंतिम सत्र डॉ. राजा गांधी (एससीई सुपौल) का रहा। उन्होंने एमएटीएलएबी सॉफ्टवेर के उपयोग से इलेक्ट्रॉनिक्स एवं इलेक्ट्रिकल सर्किट सिमुलेशन पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने विद्यार्थियों को एमएटीएलएबी आधारित सिमुलेशन तकनीकों की जानकारी दी और बताया कि कैसे यह सॉफ्टवेयर जटिल सर्किटों के विश्लेषण और डिज़ाइन को आसान बनाता है।
कार्यशाला संयोजक सह डीन अकादमिक्स डॉ. चन्दन कुमार ने कहा कि आज के सभी व्याख्यानों ने प्रतिभागियों को न केवल आधुनिक तकनीकों से परिचित कराया बल्कि शोध के नए अवसरों की ओर भी प्रेरित किया। सुपौल इंजीनियरिंग कॉलेज अपने छात्रों को राष्ट्रीय स्तर के शोध अनुभव दिलाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
समापन अवसर पर प्राचार्य डॉ. अच्युतानंद मिश्रा ने कहा कि यह कार्यशाला छात्रों को पुस्तकीय ज्ञान से आगे बढ़ाकर व्यावहारिक और शोधोन्मुखी शिक्षा की ओर ले जा रही है। पाँचवें दिन के सत्रों ने यह सिद्ध किया है कि बिहार के विद्यार्थी भी अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स में नई उपलब्धियाँ हासिल कर सकते हैं।
प्रतिभागियों ने दिनभर के सभी सत्रों को अत्यंत उपयोगी, नवाचार एवं शोध को प्रोत्साहित करने वाला और भविष्य की दिशा में मार्गदर्शक बताया।