जानिए क्राइम कंट्रोल के लिहाज से कैसे कारगर होगा सूबे के सभी जिलों में आदर्श थाना बनाने का फैसला… क्या इससे पुलिसिंग की गुणवत्ता भी सुधरेगी?

न्यूज स्कैन डेस्क, पटना
बिहार में अपराध नियंत्रण और पुलिस व्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में सरकार ने एक बड़ी पहल शुरू की है। राज्य के सभी जिलों में “आदर्श थाना” बनाए जा रहे हैं, जिनमें न केवल अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी बल्कि संबंधित हर विभाग का ऑफिस भी होगा। कुल 652 नए थाने भवन बनाए जा रहे हैं, जिनमें 44 आदर्श थाना और 213 नए थाने भवन प्रमुख हैं। इसके तहत पुलिस मुख्यालय द्वारा चिह्नित जिलों में जमीन चिन्हित कर निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है।
दावा किया गया है कि आधुनिक और सुव्यवस्थित थानों से पुलिसिंग में तेजी आएगी। अब FIR दर्ज करने से लेकर तत्काल कार्रवाई तक, सभी प्रक्रियाएं अधिक प्रोफेशनल ढंग से होंगी। मॉडर्न कंट्रोल रूम, ट्रेनिंग सेंटर और रिस्पांस सिस्टम से पुलिस की क्राइम रिस्पॉन्स क्षमता बढ़ेगी। निश्चित तौर पर इससे पुलिस की दक्षता में वृद्धि होगी। अपराधियों में कानून का भय होगा जिससे अपराध नियंत्रित हो सकेंगे। उम्मीद की जाती है कि जनता को समय से न्याय मिलेगा। बेहतर लॉ एंड ऑर्डर सुनिश्चित हो सकेगा।
एक ही छत के नीचे कई सेवाएं:
आदर्श थानों में फॉरेंसिक, साइबर सेल, महिला हेल्प डेस्क, ट्रैफिक, आर्थिक अपराध, गृह रक्षा बल आदि के ऑफिस भी होंगे। इससे जनता को थाने से जुड़ी सभी सेवाएं एक जगह मिलेंगी, जिससे समय और ऊर्जा की बचत होगी। बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और तकनीकी संसाधनों से पुलिस की कार्यशैली में पारदर्शिता आएगी। आम जनता का पुलिस पर भरोसा बढ़ेगा, जिससे लोग अधिक सहजता से अपराध की सूचना देंगे। महिला थाने, महिला हेल्प डेस्क और चाइल्ड फ्रेंडली इंफ्रास्ट्रक्चर की व्यवस्था से महिलाओं और बच्चों से जुड़े मामलों में त्वरित और संवेदनशील कार्रवाई संभव होगी।

जानिए किन-किन जिलों में हो रहा निर्माण?
पटना के बिथौरा में बिहार पुलिस की अत्याधुनिक अकादमी तैयार हो रही है, जिसमें रिस्पांस टावर, ट्रेनिंग जोन, ऑडिटोरियम, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स आदि होंगे। वहीं, अररिया, कटिहार, पूर्णिया, सहरसा, मधुबनी, सुपौल सहित सीमांचल और कोसी के कई जिलों में नए थानों का निर्माण जोरों पर है।