न्यूज स्कैन ब्यूरो, किशनगंज
भारत-नेपाल सीमा से सटे किशनगंज जिले के भातगांव क्षेत्र में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) 41वीं बटालियन ने मानव तस्करी के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है। गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए जवानों ने दो नाबालिग लड़कियों को तस्करी का शिकार होने से बचा लिया। दोनों लड़कियों को नौकरी और शादी का झांसा देकर नेपाल ले जाया जा रहा था। इस ऑपरेशन में एक तस्कर को भी गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस और एसएसबी के अनुसार, बचाई गई नाबालिग लड़कियों की पहचान रौशनी बेगम (16 वर्ष, काल्पनिक नाम) और सिमरन कुमारी (15 वर्ष, काल्पनिक नाम) के रूप में हुई है। दोनों ठाकुरगंज थाना क्षेत्र की निवासी हैं। तस्कर इन्हें सीमा पार नेपाल ले जाने की फिराक में थे, जहां से उन्हें अन्य देशों में भेजे जाने की आशंका थी। एसएसबी को सूचना मिली थी कि कुछ तस्कर नाबालिग लड़कियों को गैरकानूनी तरीके से सीमा पार कराने की योजना बना रहे हैं। इसके बाद भातगांव क्षेत्र में विशेष निगरानी बढ़ाई गई।
कार्रवाई के दौरान जवानों ने तस्कर मोहम्मद मुजाहिर (निवासी डांगी बाड़ी, मतीन टोला, वार्ड नंबर 13, थाना कुर्लीकोट) को पकड़ा। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि मुजाहिर एक संगठित तस्करी गिरोह का हिस्सा है, जो गरीब और भोली-भाली लड़कियों को निशाना बनाता है। तस्कर पहले लड़कियों को नौकरी या शादी का लालच देते हैं और फिर उन्हें विदेशों में बेच देते हैं।
एसएसबी और स्थानीय पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। बचाई गई लड़कियों को सुरक्षित स्थान पर रखा गया है और उनके परिवारों को सूचित किया गया है। पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार तस्कर से पूछताछ में रैकेट के अन्य सदस्यों के बारे में जानकारी मिलने की उम्मीद है। स्थानीय प्रशासन ने सीमा क्षेत्र में निगरानी बढ़ाने और मानव तस्करी रोकने के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया है।