न्यूज स्कैन रिपाेर्टर, भागलपुर
यह नज़ारा बिहार की शराबबंदी की पोल खोलने के लिए काफी है। जिस कानून को लेकर सरकार सख्ती और जीरो टॉलरेंस की दुहाई देती है, उसी कानून की धज्जियां भागलपुर में खुलेआम उड़ती दिखीं।
एसडीएम दफ्तर की दीवार के पास आधा दर्जन शराब की खाली बोतलें मिलीं। और ये वही जगह है, जहां से दिनभर अधिकारी गुजरते हैं। सामने कलेक्ट्रेट कैंपस है और समीक्षा भवन है, जहां अक्सर डीएम की अध्यक्षता में बैठकें चलती रहती हैं।
यहीं नहीं, कुछ ही दूरी पर एसएसपी का दफ्तर भी है। सवाल उठता है—क्या अफसरों की नाक के नीचे ही शराब की मौज-मस्ती हो रही है? राहगीरों ने तंज कसा— “अब तो बिहार में शराब की होम डिलीवरी शुरू हो गई है, शराबबंदी सिर्फ दिखावा है।”
यह वाकया साफ बताता है कि बिहार में शराबबंदी कानून अब महज़ मज़ाक बन चुका है। प्रशासन की नाकामी और कानून व्यवस्था की असलियत इन खाली शराब की बोतलों ने सरेआम उजागर कर दी है। वहां सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं, अगर आला अफसर चाहे तो तुरंत इसका खुलासा हो जाएगा कि किसने वहां शराब की खाली बोतल रखी है। हालांकि जिम्मेदार ने कहा है कि इसे देखते हैं। अब देखना यह लाजिमी होगा कि इस दिशा में कोई कार्रवाई होगी या शराबखोरी का यह खेल यूं ही जारी रहेगा।