कोसी कटाव की मार: पांचवीं बार बदला संस्कृत स्कूल का ठिकाना

विनय मिश्रा, सुपौल
कोसी नदी के जलस्तर में लगातार उतार-चढ़ाव से तटबंध के अंदर बसे लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। शनिवार रात 8 बजे कोसी बराज से 2,43,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, हालांकि देर रात जलस्तर में कमी आई। रविवार दोपहर 2 बजे डिस्चार्ज घटकर 1,63,970 क्यूसेक रिकॉर्ड किया गया। इसके बावजूद कई दिनों से जारी उतार-चढ़ाव और कटाव ने तटवर्ती गांवों में दहशत फैला रखी है।

कटाव की जद में आने से कई घर नदी में समा गए हैं, और लोग ऊंचे स्थानों पर नए ठिकाने बनाने को मजबूर हैं। इसी बीच सदर प्रखंड के घुरण गांव में स्थित बौआ ठाकुर संस्कृत प्राथमिक सह मध्य विद्यालय भी कटाव की चपेट में आ गया। फूस और टिन शेड में संचालित यह विद्यालय अब उखाड़कर दूसरी जगह शिफ्ट किया जा रहा है।

विद्यालय का इतिहास और स्थिति

1978 में स्थापित इस विद्यालय में कुल 142 बच्चे नामांकित हैं, कक्षा 1 से 8 तक पढ़ाई होती है, और फिलहाल केवल एक शिक्षक पदस्थापित हैं। विद्यालय को सरकार से मिलने वाले अनुदान और छात्रों के लिए अन्य सरकारी योजनाओं के सहारे चलाया जाता है।

कटाव का असर

विद्यालय के शिक्षक ने बताया कि कटाव के कारण स्कूल का ठिकाना पांचवीं बार बदला जा रहा है। पक्के शौचालय के पास से ही नदी बह रही है, और किसी भी समय इसके नदी में समा जाने की आशंका है। हेडमास्टर शशिभूषण चौधरी ने कहा कि ठिकाना बदलने से कुछ समय के लिए पठन-पाठन प्रभावित होगा और बच्चों को बुनियादी सुविधाओं से वंचित होना पड़ सकता है।

स्थानीय लोगों की मांग

शिक्षकों और ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि तटबंध के अंदर स्थित स्कूलों को विशेष सुविधाएं दी जाएं, ताकि कटाव और विस्थापन की स्थिति में भी बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो।