न्यूज स्कैन ब्यूरो (परबत्ता) खगड़िया
खगड़िया जिले के परबत्ता प्रखंड में आधार कार्ड पंजीकरण एवं सुधार केंद्र के संचालकों की मनमानी चरम पर है। इन केन्द्रों के संचालकों के द्वारा नया आधार कार्ड बनाने या बने हुए आधार कार्ड में सुधार के नाम पर आवेदकों को खुलेआम लूटा जा रहा है। बीच-बीच में प्रशासन के द्वारा इन केन्द्रों पर छापेमारी कर कुछ केन्द्रों को बंद भी कराया गया। लेकिन आधार केन्द्र संचालकों की मनमानी पर स्थाई विराम नहीं लग सका। ताजा उदाहरण नगर पंचायत परबत्ता के तेमथा राका गांव के वार्ड संख्या 17 की महिला वंदना देवी का है, जिनसे आधार संचालक ने जन्म प्रमाणपत्र बनाने के नाम पर एक हजार रुपये तथा आधार कार्ड में उम्र ठीक कराने के लिये डेढ हजार रुपये अलग से ले लिया। सबसे बड़ी बात यह है कि पीड़ित महिला को आधार केन्द्र संचालक ने जो जन्म पत्र उपलब्ध कराया वो पूरी तरह फर्जी निकला।
ऑन लाइन ली गई रकम
पीड़ित महिला वंदना देवी की माने तो आधार केन्द्र संचालक के द्वारा राशि उनसे ऑनलाइन लिया गया है। वंदना देवी ने बताया कि वे अपने पुत्र मनखुश कुमार के आधार कार्ड में जन्मतिथि ठीक कराने के लिये परबत्ता युनियन बैंक स्थित आधार सेंटर पर गई थी। जहां आधार केन्द्र संचालक राघवेन्द्र कुमार ने उन्हें बताया कि पहले बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र बनवाना होगा। वंदना देवी ने जब पूछा कि जन्म प्रमाणपत्र कैसे बनेगा तो केन्द्र संचालक ने बताया कि एक हजार रुपये लगेंगे और वही बनवा देगा। इस पर वंदना देवी ने संचालक को एक हजार रुपये दे दिया।
जन्म प्रमाण पत्र में फर्जीवाड़ा
बुधवार को जब वंदना देवी वहां पहुंची तो आधार केन्द्र संचालक ने उन्हें एक जन्म प्रमाणपत्र दे दिया। जिसमें खगड़िया सदर के जन्म मृत्यु रजिस्ट्रार का मुहर लगा हुआ है ।इस कथित जन्म प्रमाणपत्र में रजिस्ट्रेशन की तिथि 13 नवंबर 2008 तथा इसके जारी करने की तिथि 03 जुलाई 2025 अंकित है, जबकि बच्चे के जन्म की तिथि 12 अगस्त 2006 अंकित है। इन तीनों तिथियों को देखने से प्रथम दृष्टया यह एक फर्जी प्रमाणपत्र लगता है। इस प्रमाणपत्र में जन्म का स्थान तेमथा राका प्रदर्शित है। जबकि बच्चे का जहां जन्म होता है वही उसका जन्म प्रमाणपत्र बनने का पता होता है। गौरतलब है कि पीड़ित महिला ने अपने बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र का पता अपने गांव का दिया था, लेकिन उसका पता बदल दिया गया। जो संदेह को दर्शाता है।