JLNMCH अस्पताल बना ठगों का अड्डा! इलाज के नाम पर महिला से लूट, अधीक्षक बोले– “हर किसी पर नजर रखना मुमकिन नहीं”… सीसीटीवी में देखिए ठगों की करतूत

रविंद्र कुमार शर्मा, भागलपुर

भागलपुर: पूर्वी बिहार के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल जेएलएनएमसीएच (जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल) में इलाज कराने पहुंची एक महिला को ठगों ने शिकार बना लिया। नवगछिया की शांति देवी अपने पैर का इलाज कराने आई थीं, लेकिन अस्पताल में ही दो ठगों ने उन्हें ‘बहन’ बनाकर चकमा दिया और उनकी कान की दोनों सोने की बालियाँ लेकर फरार हो गए।

‘बहन’ बोलकर की लूट, सोने का बिस्कुट दिखाकर फंसाया जाल में

ठगों ने पहले महिला से भावनात्मक रिश्ता बनाते हुए खुद को भाई बताया और फिर अस्पताल के एटीएम के पास ले जाकर उसे पत्थर का टुकड़ा सोने का बिस्कुट बताकर सौदा करने लगे। बहन बनने का ड्रामा करते हुए ठगों ने महिला से उसकी बालियाँ लेकर कहा कि “हम थोड़ी देर में आते हैं”, और फिर गायब हो गए।

सीसीटीवी में कैद हुए ठग, सुरक्षा पर फिर उठा सवाल

घटना के बाद महिला ने जब काफी देर तक ठगों का इंतजार किया और कोई नहीं लौटा, तो वह गार्ड के पास गई। कंट्रोल रूम में सीसीटीवी फुटेज देखा गया, जिसमें दोनों ठग महिला को ले जाते साफ़ नज़र आ रहे हैं। फुटेज न्यूज़ 18 के पास भी मौजूद है।

अस्पताल प्रशासन ने झाड़ा पल्ला

जब महिला अपनी शिकायत लेकर अस्पताल अधीक्षक डॉ. अभिलेश कुमार के पास पहुंची तो उन्होंने मामले को थाने में दर्ज कराने की सलाह दी और कहा, “अस्पताल में गार्ड हैं, लेकिन हर एक पर नज़र रखना संभव नहीं है।”

सवाल उठता है: फिर सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी?

हर दिन हजारों मरीजों और उनके परिजनों की भीड़ वाले इस अस्पताल में लगातार चोरी और ठगी की घटनाएं हो रही हैं। फिर भी अधीक्षक सिर्फ बयान देकर जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रहे हैं। क्या यह मान लिया जाए कि जेएलएन अस्पताल में आनेवाले मरीज खुद की सुरक्षा की जिम्मेदारी खुद लें?

क्या जेएलएन अस्पताल अब सुरक्षित नहीं रहा?

जिस अस्पताल में इलाज के लिए आना हो, वहां किसी को भावनात्मक ठगी, धोखा और चोरी का शिकार बनना पड़े — तो यह सिर्फ अपराध नहीं, प्रशासनिक असफलता है।