देवघर। आज सावन का छठा दिन है। सुल्तानगंज से जल लेकर बाबाधाम आने वाले कांवरियों का प्रवाह बुधवार को घट गया। जिला प्रशासन के मुताबिक, शुक्रवार और शनिवार से कांवरियों की भीड़ बढ़ेगी। लगातार दो दिनों से हो रही बारिश के बाद बुधवार को देवघर में मौसम साफ है और बारिश भी नहीं हो रही है। लेकिन आसमान में बादल छाए हुए हैं, जिस कारण धूप नहीं है और कांवरियों को पैदल यात्रा में सहूलियत में हो रही है। इस बार श्रावणी मेले में राज्य सरकार की ओर से कई नई व्यवस्थाएं की गई है। मेले में क्यूआर कोड आधारित शिकायत सह सुझाव सिस्टम लागू किया गया है। कोठिया में टेंट सिटी बनाई गई है, जिसमें कांवरियों के आवासन की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध है।
बुधवार को सुबह में 3 बजे बाबा मंदिर का पट खुला। इसके बाद सबसे पहले स्थानीय तीर्थपुरोहितों ने कांचाजल पूजा की। तब सरकारी पूजा हुई और इसके बाद आम भक्तों का जलार्पण सुबह सवा चार बजे से शुरू हुआ।
मेला क्षेत्र में अग्निशमन विभाग ने किया मॉक ड्रिल
- आग से बचाव के उपायों एवं अग्निशमन यंत्रों को चलाने से जुड़ी जानकारी दण्डाधिकारियों व कर्मियों को दी गई
देवघर। राजकीय श्रावणी मेला में श्रद्धालु की सुरक्षा व सुविधा को देखते हुए डीसी नमन प्रियेश लकड़ा के निर्देशानुसार सम्पूर्ण मेला क्षेत्र के महत्वपूर्ण स्थलों यथा-बाबा मंदिर, बाघमारा बस सटैंड, शिवलोक परिसर, बीएड कॉलेज होल्डिंग प्वाइंट, नेहरू पार्क एवं टेंट सिटी पर अग्निशमन विभाग द्वारा मॉक ड्रिल किया गया। इस दौरान आग लगने की स्थिति में त्वरित गति से आग पर काबू पाने के अलावा अग्निशमन यंत्रों के उपयोग व उसके संचालन से जुड़ी जानकारी दण्डाधिकारियों, पुलिस पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों को दी गयी, ताकि आपात स्थिति में इन यंत्रों का उपयोग किया जा सके।

मॉक ड्रिल के माध्यम से अग्निशमन विभाग के पदाधिकारियों द्वारा आपातकालीन स्थिती से निपटने के उपायों से जुड़ी जानकारी के साथ आग बुझाने के विभिन्न तरीकों, अग्निशमन यंत्रों के संचालन से जुड़ी व्यवहारिक जानकारी, आग में फंसे लोगों को बचाने की तकनीक और प्राथमिक उपचार के बारे में जानकारी प्रदान की गयी। साथ ही बाबा मंदिर प्रांगण में मॉक ड्रिल के अलावा मंदिर के आसपास के दुकानदारों को जानकारी भी दी गई कि मार्ग में अग्निशमन वाहन को गुजरते देखकर प्राथमिकता के आधार पर उसे रास्ता देना अनिवार्य है, क्योंकि समय पर अग्निशमन वाहन के पहुंचने पर जान-माल को आग में नष्ट होने से बचाया जा सकता है।