गिरफ्तारी देने निशिकांत दुबे पहुंचे बाबा मंदिर थाना, बोले- मैं देवघर का तीर्थ पुरोहित हूं, फिर केस कैसे हो सकता है

न्यूज स्कैन ब्यूरो, देवघर

श्रावणी मेले के दौरान वीआईपी, वीवीआईपी और आउट ऑफ टर्न दर्शन पर रोक के बाद भी भाजपा सांसद निशिकांत दुबे, मनोज तिवारी व अन्य के बैद्यनाथ मंदिर में प्रवेश के मामले में दर्ज एफआईआर का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। उक्त केस में गिरफ्तारी देने शनिवार को गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे दिल्ली से देवघर पहुंचे और सीधे बाबा मंदिर थाने में गिरफ्तारी देने गए। निशिकांत ने बाबा मंदिर थाने में थानेदार शिव नारायण कामत से मुलाकात की और कहा कि उक्त केस में गिरफ्तारी देने का आया हूं।

थानेदार से निशिकांत ने कहा कि मैं भी देवघर का तीर्थ पुरोहित हूं। मेरा जन्म देवघर में हुआ है। गवाली पूजा में सात साल से मैं चंदा दाता हूं और तीर्थ पुरोहित वो होता है, जो गवाली पूजा में चंदा देता है। किसी के कहने मात्र से कैसे एफआईआर हो सकता है। जिन पुलिसकर्मियों को मैंने मंदिर के निकास द्वार पर कथित रूप धक्का दिया, उन पुलिसवालों द्वारा एफआईआर किया गया होता तो बात समझ में आती है। ड्यूटी पर तैनात मजिस्ट्रेट केस करते तो बात समझ में आती। लेकिन एक अवैध आदमी (केस के सूचक कार्तिक नाथ ठाकुर) जो न पंडा है, वो कैसे केस कर सकता है। अगर कार्तिकनाथ ठाकुर तीर्थ पुरोहित हैं तो मैं भी तीर्थ पुरोहित हूं। देवघर में पंडा कान्यकुब्ज ब्राह्रमण भी हैं, जिस जाति से मैं आता हूं, वे भी यहां पंडा हैं। पंडा यहां वो होता है, जो गवाली पूजा में चंदा देता है। सात साल से मैं यहां गवाली पूजा देता आ रहा हूं और पंडा धर्मरक्षिणी सभा का सदस्य हूं। ऐसे में कैसे किसी पर एफआईआर हो सकता है।

मैं भगोड़ा नहीं हूं : सांसद

पत्रकारों से बात करते हुए निशिकांत दुबे ने कहा कि बाबा मंदिर थाना में मुझे पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया। पुलिस ने कहा कि अभी एफआईआर एमपी-एमएलए कोर्ट में भेजा गया है। वहां अभी केस स्वीकार्य नहीं हुआ है। जब एफआईआर स्वीकार्य होगा तो केस में मेरे खिलाफ जो धाराएं लगाई गई है, उसके आधार पर सेक्सन-41 के तहत मुझे तीन बार नोटिस देंगे। उसके बाद अगर गिरफ्तारी की कोई संभावना बनेगी तो गिरफ्तारी होगी। सांसद ने कहा कि मैं भगौड़ा नही हूं। यह 51 वां केस मेरे ऊपर, मेरी पत्नी, बेटा, भाई, माता-पिता पर। इस केस में मैं दुःखी हो गया हूं। जितनी बार मुझपर केस होगा, उतनी बार गिरफ्तारी देने आऊंगा।

अगर मैंने कोई गलती की है तो पुलिस मुझे कानून के आधार पर गिरफ्तार करे। सांसद हूं तो कानून में मुझे कुछ सुरक्षा भी दी गई है। संविधान की धारा 105 के तहत मेरे पास बोलने का अधिकार है, उसमें मैंने राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, देवघर डीसी और एसपी सह डीआईजी पर एफआईआर मैंने प्रिवेलेज किया है। उस प्रिवेलेज की सुनवाई सोमवार को पार्लियामेंट में होगी और अधिकारियों से दिल्ली में पूछा जाएगा कि किस आधार पर मेरे खिलाफ केस किया गया है।