- गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी व अन्य के खिलाफ जसीडीह थाने में दर्ज है मामला
- एक दिन पहले ही जसीडीह पुलिस ने मामले के एक आरोपी ट्रस्टी देवता पांडेय को किया था गिरफ्तार
न्यूज स्कैन ब्यूरो, देवघर
बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट के पदधारकों पर जसीडीह थाने में दर्ज केस (केस नंबर-196/2025) की संपूर्ण जांच को अगले आदेश तक स्थगित रखने का आदेश रांची हाईकोर्ट ने दिया है। याचिकाकर्ता पुनीत अग्रवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस आनंद सेन ने उक्त आदेश पारित किया है। इस मामले में एक दिन पहले ही जसीडीह थाने की पुलिस ने बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट के ट्रस्टी देवता पांडेय को गिरफ्तार किया था। केस में गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम समेत अन्य को भी आरोपी बनाया गया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि प्रथम दृष्टया प्राथमिकी के अवलोकन से कोई आपराधिक मामला नहीं बनता है। प्राथमिकी के अवलोकन से ऐसा प्रतीत होता है कि चूंकि सूचक सभी फोरम अर्थात डीआरटी (ऋण वसूली न्यायाधिकरण) आदि में हार गया है और उनकी संपत्ति नीलाम हो गई है। इसलिए वादी ने उक्त प्राथमिकी (जसीडीह थाना केस नंबर-196/2025) दर्ज कर एक घुमावदार रास्ता अपनाया है। इसके अलावा, इससे पहले एक आपराधिक कार्यवाही में अंतरिम संरक्षण प्रदान किया गया था और एक सिविल रिट डब्ल्यूपी (सी) संख्या 662/2025 में, उसी प्रमाण पत्र (जो एफआईआर का विषय है) के संबंध में सूचक के हस्तक्षेप आवेदन को इस उच्च न्यायालय द्वारा खारिज कर दिया गया था। इसलिए उपरोक्त बातों को ध्यान में रखते हुए जसीडीह थाने में दर्ज केस-196/2025 की संपूर्ण जांच अगले आदेश तक स्थगित रहेगी।
क्या था मामला
21 जुलाई 2025 को परित्राण ट्रस्ट, देवघर के सचिव शिव दत्त शर्मा ने जसीडीह थाने बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट की अध्यक्ष अनामिका गौतम (गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी), सचिव विमल अग्रवाल, ट्रस्टी देवता पांडेय व अन्य के खिलाफ जालसाजी का मामला दर्ज करवाया था। इस मामले में पुलिस ने 23 जुलाई को एक आरोपी ट्रस्टी देवता पांडेय को गिरफ्तार किया था। मामला परित्राण ट्रस्ट संपत्ति से जुड़ा हुआ हैै।