देवघर । बांग्ला पंचांग के अनुसार श्रावण गुरुवार (17 जुलाई) से शुरू हो रहा है। देवघर के स्थानीय लोग बांग्ला सावन को ही मानते हैं। कर्क संक्रांति से शुरू होने वाले बांग्ला श्रावण पर बाबा वैद्यनाथ मंदिर प्रांगण में अद्भुत व आकर्षक बिल्वपत्र प्रदर्शनी की भी शुरूआत होगी। बांग्ला श्रावण में भी इस वर्ष 4 सोमवारी पड़ रही है। सभी सोमवारी पर भी बाबा वैद्यनाथ मंदिर प्रांगण में बिल्वपत्रों की प्रदर्शनी लगेगी। 17 अगस्त सिंह संक्रांति के मौके पर मनसा
पूजा पर बांग्ला श्रावणी मेले का विधिवत समापन हो जाएगा। उसी दिन बाबा मंदिर प्रांगण में बिल्वपत्र प्रदर्शनी का फाइनल भी होगा। बांग्ला श्रावण मानने वालों में संपूर्ण बंगाल के अलावा नेपाल तक के श्रद्धालु भी शामिल होते हैं। ऐसे में संभावना जतायी जा रही है कि शुक्रवार से बाबानगरी में बंगाल से लेकर नेपाल तक के श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी। वहीं पूर्णिमा के अनुसार, सावन की शुरूआत 11 जुलाई से हो चुकी है।
अद्भुत संयोग : मनसा पूजा के साथ बाबा मंदिर में दही कादो पर्व
इस वर्ष बांग्ला श्रावणी मेले के समापन पर अद्भुत संयोग बन रहा है। सिंह संक्रांति पर समाप्त होने वाले बांग्ला श्रावण 17 अगस्त को मां मनसा की वार्षिक पूजा होती है। वहीं इस वर्ष बांग्ला श्रावण समापन की पूर्व संध्या पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पावन पर्व मनाया जाना है। ऐसे में कामनालिंग बाबा वैद्यनाथ मंदिर गर्भगृह में परंपरानुसार दही-कादो पर्व भी 17 अगस्त को ही मनाया जाएगा।
सावन का छठा दिन : कांवरियों का घटा प्रवाह, शनिवार से बढ़ेगी भीड़
श्रावणी मेले के छठे दिन सुल्तानगंज से जल लेकर बाबाधाम आने वाले कांवरियों का प्रवाह बुधवार को घट गया। जिला प्रशासन के मुताबिक, शुक्रवार और शनिवार से कांवरियों की भीड़ बढ़ेगी। बुधवार को कुल एक लाख 21 हजार 876 कांवरियों को बाबा बैद्यनाथ का जलाभिषेक किया, जिसमें बाह्य अरघा के माध्यम से 24,135, आंतरिक अरघा से 93,586 एवं शीघ्र दर्शनम कूपन 4155 से श्रद्धालुओं ने जलार्पण किया। लगातार दो दिनों से हो रही बारिश के बाद बुधवार को दोपहर में मौसम साफ था, लेकिन शाम में मूसलाधार बारिश से पूरा कांवरिया पथ पानी-पानी हो गया। इस कारण कांवरियों का प्रवाह शाम में बढ़ गया। इस बार श्रावणी मेले में राज्य सरकार की ओर से कई नई व्यवस्थाएं की गई है। मेले में क्यूआर कोड आधारित शिकायत सह सुझाव सिस्टम लागू किया गया है। कोठिया में टेंट सिटी बनाई गई है, जिसमें कांवरियों के आवासन की नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध है। बुधवार को सुबह में 3 बजे बाबा मंदिर का पट खुला। इसके बाद सबसे पहले स्थानीय तीर्थपुरोहितों ने कांचाजल पूजा की। तब सरकारी पूजा हुई और इसके बाद आम भक्तों का जलार्पण सुबह सवा चार बजे से शुरू हुआ।
मेला क्षेत्र में साफ -सफाई पर विशेष ध्यान : डीसी
डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने बताया कि मेले में आए कांवरियों की सुख-सुविधा का पूरा ध्यान जिला प्रशासन द्वारा रखा जा रहा है। सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में चौबीसों घंटे साफ-सफाई व कचड़ा निष्पादन पर विशेष फोकस किया गया है, ताकि देवतुल्य श्रद्धालुओं को एक साफ-सुथरा और स्वच्छ माहौल मुहैया कराया जा सके। साथ ही श्रावणी मेला में पहली बार नगर निगम की ओर से सफाई कार्य में आधुनिक मशीनों का उपयोग किया जा रहा है। इसके तहत चार जेटिंग मशीनों को चार जगहों पर शौचालय सफाई हेतु लगाया है। साथ ही इन मशीनों से कम समय में सफाई एवं पानी की खपत भी कम होती है। सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में विशेष स्वच्छता अभियान को लेकर पाली वार तरीके से सफाई कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई, ताकि सम्पूर्ण मेला क्षेत्र को स्वच्छ रखा जा सके। साथ ही श्रद्धालुओं की सुविधा के साथ मेला क्षेत्र में स्वच्छता को बनाए रखने हेतु शौचालय, स्नानागार की सुविधा मुहैया सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में की गयी है। वही कांवरियां पथ के साथ-साथ रूट लाईन मेला क्षेत्र में जगह-जगह पर बायो टॉयलेट, चलन्त शौचालय एवं स्थायी शौचालय की व्यवस्था की गई है। साथ ही श्रद्धालुओं की सुविधा और स्वच्छता का ख्याल रखते हुए जिला प्रशासन द्वारा सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में साफ-सफाई के साथ फोगिंग, ब्लीचिंग छिड़काव, कचड़ा उठाव, कचड़ा निष्पादन को लेकर चौबिसों घंटे व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है।
बाह्य अरघा की कतार होगी व्यवस्थित
मेले को लेकर डीसी ने बैठक कर यातायात व्यवस्था, ड्रॉप गेट, वाहनों के सुचारू आवागमन को लेकर पुलिस पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया, ताकि यातायात संबंधित असुविधा न हो। डीसी ने कहा कि श्रावणी मेला को लेकर कोई भी समस्या आ रही है, तो आपसी समन्वय स्थापित करते हुए आ रही समस्याओं का निराकरण करें। वायरलेस के सही इस्तेमाल एवं बाह्य अर्घा से जलार्पण करने वाले लाइन को व्यवस्थित करने का निर्देश दिया। उन्होंने यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ और दुरुस्त रखने को लेकर जिला परिवहन पदाधिकारी को आवश्यक निर्देश दिया।