सिम बॉक्स के जरिए रोज करता था 10 हजार फर्जी कॉल, चीन-वियतनाम तक फैला नेटवर्क, क्रिप्टो करेंसी से करता था लेनदेन
न्यूज स्कैन नेटवर्क, पटना/सुपौल
बिहार में सत्तारूढ़ दल जदयू का एक युवा नेता करोड़ों के साइबर फ्रॉड का सरगना निकला है। आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने युवा जदयू के प्रदेश सचिव हर्षित मिश्रा को पिछले दिनों सुपौल जिले से गिरफ्तार किया है। हर्षित के खिलाफ फर्जी कॉल, अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी और क्रिप्टो करंसी के माध्यम से हवाला लेनदेन जैसे गंभीर आरोप हैं।
क्या है मामला?
EOU को जानकारी मिली थी कि सीमावर्ती जिलों से सिम बॉक्स के जरिए देशभर में फर्जी कॉल की जा रही है। इसी कड़ी में सुपौल में छापेमारी कर हर्षित मिश्रा को पकड़ा गया। उसके पास से 8 सिम बॉक्स, 492 सक्रिय सिम, विदेशी सिम कार्ड, कई मोबाइल, लैपटॉप, एटीएम-क्रेडिट कार्ड और अन्य डिजिटल उपकरण जब्त किए गए हैं। EOU के मुताबिक, यह देश के सबसे बड़े साइबर फ्रॉड नेटवर्क में से एक हो सकता है। कई राज्यों और विदेशों से इसका कनेक्शन सामने आया है। अब अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से भी संपर्क किया जा रहा है।
साइबर ठगी का हाईटेक नेटवर्क
जांच में पता चला है कि हर्षित मिश्रा के पास अत्याधुनिक तकनीकी जानकारी थी। वह सिम बॉक्स और इंटरनेशनल कॉल रूटिंग सिस्टम के जरिए विदेशी कॉल को भारतीय नंबरों में बदलकर लोगों को ठगता था। हर दिन वह 10 हजार से अधिक फर्जी कॉल करता था। उसका नेटवर्क चीन, वियतनाम सहित कई देशों तक फैला हुआ था। ठगी से कमाए गए पैसों को ट्रैक न किया जा सके, इसके लिए हर्षित क्रिप्टो करंसी का इस्तेमाल करता था। वह बिटकॉइन और अन्य डिजिटल वॉलेट्स से अंतरराष्ट्रीय लेनदेन करता था।
राजनीतिक पद की आड़ में साइबर क्राइम
EOU अधिकारियों के अनुसार हर्षित मिश्रा ने जदयू के प्रदेश सचिव पद की आड़ में अपने नेटवर्क को सुरक्षित बनाए रखा। उसका एक सहयोगी सुल्तान भी गिरफ्तार हुआ है, जबकि बाकी गिरोह की तलाश जारी है।