‘जश्न-ए-मिल्लिया’ में गूंजी शायरी, शिक्षा और संस्कृति की अनूठी शाम

न्यूज स्कैन ब्यूरो, पूर्णिया
मिलिया सर सैयद प्राइमरी टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज, रामबाग (पूर्णिया) में 17 अक्टूबर 2025 को शिक्षा, साहित्य और संस्कृति के संगम के रूप में ‘जश्न-ए-मिल्लिया’ का भव्य आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम महान शिक्षाविद और समाज सुधारक सर सैयद अहमद खान की 208वीं जयंती “सर सैयद डे” के अवसर पर आयोजित हुआ।
सीमांचल के बाबा एहसान क़ासमी के नेतृत्व में सजी प्रेरणादायक शाम
इस विशेष आयोजन के संयोजक रहे एहसान क़ासमी, जिन्हें सीमांचल में प्रेमपूर्वक “सीमांचल के बाबा” के नाम से जाना जाता है। उनके कुशल नेतृत्व में यह कार्यक्रम एक प्रेरणादायक और यादगार सांस्कृतिक संध्या में परिवर्तित हो गया।
कार्यक्रम की शुरुआत संध्या 6 बजे से हुई। यह आयोजन मिलिया एजुकेशनल ट्रस्ट, पूर्णिया के सदस्यगणों के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ।

कवि सम्मेलन और मुशायरे ने बांधा समां
इस सांस्कृतिक संध्या का मुख्य आकर्षण रहा ‘कवि सम्मेलन एवं मुशायरा’, जिसमें बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से पधारे प्रसिद्ध कवि-शायरों ने अपनी प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। रचनाओं में शिक्षा, सामाजिक सौहार्द, संस्कृति और राष्ट्रभक्ति के स्वर गूंजते रहे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्णिया के अपर जिलाधिकारी (एडीएम) राज कुमार गुप्ता थे। उनके साथ कई गणमान्य अतिथि, समाजसेवी, वरिष्ठ पत्रकार और शिक्षाविद उपस्थित रहे. इन लोगों की उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई।

गुणीजनों की उपस्थिति से निखरी गरिमा-
कार्यक्रम में मिलिया एजुकेशनल ट्रस्ट के चेयरमैन सैयद गुलाम हुसैन, संस्थापक सदस्य प्रो. डॉ. शब्बीर हुसैन, निदेशक डॉ. असद इमाम, सहायक निदेशक आदिल इमाम और कानूनी सलाहकार क़ैसर इमाम की विशेष उपस्थिति रही। इन सभी ने कार्यक्रम की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

स्मारिका ‘तालीम’ का हुआ विमोचन-
प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी महाविद्यालय द्वारा ISBN नंबर के साथ प्रकाशित ‘तालीम’ शीर्षक स्मारिका का विमोचन उपस्थित विद्वजनों और अतिथियों के कर-कमलों से किया गया।

डॉ. असद इमाम ने दिया शिक्षा और एकता का संदेश-
महाविद्यालय के निदेशक डॉ. असद इमाम ने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों और दर्शकों का स्वागत करते हुए कहा —“सर सैयद अहमद खान के आदर्श हमें समाज में शिक्षा, एकता और प्रगति का मार्ग दिखाते हैं। हमें उनके विचारों को अपनाकर समाज को सशक्त बनाना होगा।”

रात्रिभोज और पारंपरिक आतिथ्य के साथ हुआ समापन
कार्यक्रम का समापन एक भव्य रात्रिभोज के साथ हुआ, जिसमें लगभग 500 अतिथियों ने सहभागिता की। सभी अतिथियों के लिए पारंपरिक आतिथ्य की विशेष व्यवस्था की गई, जिसने कार्यक्रम को और भी यादगार बना दिया।