न्यूज स्कैन ब्यूरो, सुपौल
त्रिवेणीगंज अनुमंडल मुख्यालय स्थित शिव मंदिर प्रागण में शुक्रवार को धर्मराज महोत्सव को राजकीय दर्जा दिलाने के उद्देश्य से अखिल भारतीय लोकगाथा भगैत महासभा व अखिल भारतीय भ्रमणशील धर्म यज्ञ भगैत महासम्मेलन के तत्वावधान में मुख्य महंत जागेश्वर यादव की अध्यक्षता में महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। जिसमें सर्वसम्मति से धर्मराज महोत्सव को राजकीय महोत्सव की दर्जा दिलाने का प्रस्ताव लिया गया तथा धर्मराज महोत्सव का प्रस्ताव जिला प्रशासन सुपौल और बिहार सरकार को शिष्टमंडल के द्वारा समर्पित किया जाएगा। सभा की अध्यक्षता करते हुए मुख्य महंत जागेश्वर यादव ने कहा कि लोकगाथा भगैत भारतीय संस्कृति व सभ्यता का सबसे बड़ा दर्शन एवं सर्वोत्तम प्रहरी है। लोकगाथा भगैत समाज के किसी वर्ग, धर्म, जाति या व्यक्ति विशेष से संबंधित नहीं है बल्कि सम्पूर्ण समाज का धरोहर है। महासभा के संयोजक सह प्रवक्ता डॉ. अमन कुमार ने कहा कि संस्कृति ही किसी समाज और देश का प्राण हैं। लोकगाथा भगैत के सबसे बड़े महानायक बाबा धर्मराज हैं। भगैत मानवता की असली पाठशाला है । धर्मराज महोत्सव को राजकीय महोत्सव का दर्जा मिले इसके लिए तमाम धर्मराज भक्तों को सजग रहने की जरूरत है। डॉ. कुमार ने कहा कि भगैत सामाजिक शुद्धता एवं धर्मनिरपेक्षता के लिए वरदान साबित हुई है। यह धर्म, प्रेम, एकता एवं सद्भाव का प्रतीक हैं। समाज में जनचेतना व जनशिक्षा के दृष्टिकोण से भगैत सबसे बड़ा सामाजिक व धार्मिक अभियान है। भगैत कोशी और मिथिलांचल के जन-जन में समाया हुआ है। वार्षिक सभापति ब्रह्मदेव यादव ने कहा कि भगैत साम्प्रादायिक सौहार्द का सबसे बड़ा उदाहरण है। इसे सदा संरक्षित और संयोग कर रखने की आवश्यकता है। उप महंत सिकेन्द्र यादव ने कहा कि धर्मराज का असली अर्थ धर्म को पालन करने वाला होता है। धर्मराज की कथा पर अमल करने के बाद व्यक्ति में मानवता का गुण कूट-कूट कर भर जाता है। आचार्य रामजी दास व मासिक सभापति शत्रुध्न यादव ने कहा कि भावी पीढ़ी को बाबा धर्मराज के विचारों से अवगत कराने के साथ-साथ धर्मराज भक्तों के सम्मान में बाबा धर्मराज महोत्सव का आयोजन होना नितांत आवश्यक है। महत्वपूर्ण बैठक में महात्मा गजेन्द्र यादव , चंदन यादव,संतोष कुमार, कुलानंद यादव, सत्यनारायण यादव, भागवत यादव, चंद्र किशोर ठाकुर,अशोक यादव, बिरेंद्र यादव, शंभू मेहता, अजीत कुमार , मनीष कुमार आदि उपस्थित थे।