न्यूज स्कैन ब्यूरो, अररिया
फारबिसगंज में 1904 से रामायण परिषद की स्थापना और सांवलिया कुंज ठाकुरबाड़ी में भगवान बजरंग बली की स्थापना को लेकर निकलने वाली महावीरी झंडा शोभायात्रा जुलूस की सारी तैयारी पूरी हो गई है शहरी सहित ग्रामीण इलाकों के मंदिरों में चौबीस से अड़तालिस घंटे हरे राम हरे कृष्ण की रामधुन से पूरा वातावरण गुंजायमान है।महावीरी झंडा शोभायात्रा जुलूस को लेकर पूरा शहर को तोरण द्वार,बैनर और पोस्टर के साथ भगवा पताका से पाट दिया गया है।बैनर पोस्टर और भगवा ध्वज से शहर भगवामय हो गया है।
राजेंद्र चौक स्थित श्री सांवलिया कुंज ठाकुरबाड़ी से यह जुलूस निकलती है। जो लक्ष्मी नारायण पथ होते हुए शिव मंदिर मोड़ से दरभंगिया टोला, पटेल चौक होते हुए सदर रोड में प्रवेश करती है।फिर स्टेशन चौक से सीधा पोस्ट ऑफिस चौक होते हुए दीनदयाल चौक होते हुए पुनः सांवलिया कुंज ठाकुरबाड़ी में आकर समाप्त होती है। जुलूस में शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के अखाड़े अपने अपने जुलूस के साथ शामिल होते हैं।जुलूस को लेकर प्रशासन की ओर से भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाने का दावा किया गया है।सांवलिया कुंज ठाकुरबाड़ी से जुलूस पंडित अर्जुन दुबे के नेतृत्व में निकाला जाएगा।
फारबिसगंज में निकलने वाली ऐतिहासिक महावीरी झंडा शोभायात्रा जुलूस का इतिहास काफी पौराणिक है।रामायण परिषद की स्थापना को लेकर 1904 से यह जुलूस कोरोनाकाल को छोड़कर अनवरत हरेक साल निकलता आ रहा है।स्थानीय श्री सांवलिया कुंज ठाकुरबाड़ी के महंत पं. अर्जुन दुबे की माने तो सन 1904 में सांवलिया कुंज ठाकुरबाड़ी की स्थापना के साथ ही रामायण परिषद की स्थापना हुई थी।मंदिर की स्थापना महावीर प्रसाद भुनेश्वर प्रसाद के द्वारा की गई। पंडित स्व. केवलकृष्ण दुबे के सानिध्य में शहर के जाने माने चिकित्सक अलख निरंजन के रिश्तेदार शिशुलाल सहाय,चम्पानगर बनैली स्टेट के महाराजा रजिस्टार युमना प्रसाद, टुनटुन सिंह के दादा नेवालाल मुंशी आदि के द्वारा जमाष्टमी के अवसर पर नंदोत्सव मनाया जाने लगा। कहते है कि चप्पानगर बनैली के कुमार श्यामानंद सिंह के पिता बड़े महाराज स्वयं फारबिसगंज आकर नंदोत्सव में भाग लेते थे। पैरों में घुंघरू बांध भक्ति भावना प्रदर्शित किया करते थे।
पूर्णिया के अग्रेजकलीन डीएम मिस्टर ली का भी पूरा योगदान सांवलिया कुंज ठाकुरबाड़ी एवं नंदोत्सव को प्राप्त होता था। ठाकुरबाड़ी में प्रत्येक मंगलवार को रामायण का अखंड पाठ सुबह से लेकर शाम तक स्थापना काल से लगातार जारी है। दर्जनों अखाड़ों से निकलने वाली महावीरी झंडा शोभायात्रा जुलूस में प्रशासन द्वारा कई अखाड़ों को लाइसेंस भी प्रदान किया जाता रहा है। उन्होंने बताया कि जुलूस का स्वरूप हरेक साल बढ़ता जा रहा है और शोभायात्रा जुलूस में एक लाख से अधिक लोग शिरकत करते आ रहे हैं और इस साल भक्तों की भीड़ और अधिक बढ़ने वाली है।