हिरोशिमा दिवस पर भागलपुर में ‘युद्ध नहीं, शांति चाहिए’ की गूंज – पीस सेंटर परिधि ने आयोजित किया संवाद


न्यूज स्कैन रिपाेर्टर, भागलपुर

हिरोशिमा परमाणु हमले की विभीषिका को याद करते हुए कला केंद्र भागलपुर में पीस सेंटर ‘परिधि’ की ओर से आयोजित संवाद में शांति, मानवता और युद्ध के खिलाफ गहरी चिंता जताई गई।

वरिष्ठ चित्रकार विजय कुमार साह ने अध्यक्षता करते हुए कहा – “हिरोशिमा पूरी दुनिया के लिए चेतावनी है। आज की साम्राज्यवादी सोच नए तरीकों से वर्चस्व थोप रही है – कभी रूस-यूक्रेन, कभी इजराइल-फिलिस्तीन। इनकी कीमत आम जनता चुका रही है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि शांति ही वह रास्ता है जिस पर चलकर धरती को बचाया जा सकता है।

राहुल ने संचालन करते हुए कहा कि हिरोशिमा की याद एक चेतावनी है – “हमने जिन हथियारों को बनाया, वही मानव सभ्यता के खिलाफ खड़े हो चुके हैं।”

मृदुल सिंह ने अपनी कविता में कहा – “आज दुनिया हजारों परमाणु बमों के ढेर पर खड़ी है। अगर युद्ध हुआ, तो यह हथियार इंसानों से पहले इंसानियत को मार देंगे।”

एकराम हुसैन शाद ने नज्म सुनाते हुए कहा – “आज हर स्तर पर युद्ध है – विचारों में, समाज में, धर्म में।” स्मिता कुमारी ने युद्ध और पर्यावरण का संबंध उठाया – “परमाणु हथियार सिर्फ़ इंसान नहीं, पूरी धरती के जीवन चक्र को तबाह कर देंगे।”

जावेद ने सवाल खड़ा किया – “अगर परमाणु युद्ध हुआ, तो क्या पृथ्वी बचेगी? नहीं! तो फिर ये शक्ति किसे दिखा रहे हैं?” मो. अहमद हुसैन ने कहा – “हिरोशिमा की याद इसलिए ज़रूरी है कि हम यह समझें कि युद्ध कभी समाधान नहीं हो सकता। गांधी का रास्ता – सत्य, अहिंसा और प्रेम ही बचाव है।”

जय नारायण ने युद्ध की पीड़ा को रेखांकित करते हुए कहा – “युद्ध सरकारों के नहीं, आम इंसानों के बीच होता है, और मरते भी वही हैं।” कार्यक्रम के अंत में सुषमा कुमारी ने कहा – “युद्ध नहीं, युद्ध कभी नहीं – यही हमारा संकल्प है। सत्ता हमेशा युद्ध थोपती है, पर आम जनता को इसके लिए अपनी आवाज़ उठानी होगी।”

इस संवाद में ब्रह्मदेव मंडल, तक़ी अहमद जावेद, मृदुला सिंह, जय नारायण, स्मिता कुमारी, अदिति गौरव, रीया राज, जयप्रकाश कुमार, निलंजना, अभिषेक कुमार सहित बड़ी संख्या में युवा, कलाकार, और बुद्धिजीवी मौजूद रहे।