26 अगस्त को मनाया जाएगा हरितालिका तीज, पूजन का शुभ मुहूर्त प्रातः-5:56 से 8:31 दिन तक, शुभ प्रदोष काल मुहूर्त- संध्या 6:11 से रात्रि 8:35 तक -डॉ शुभम सावर्ण

प्रतिवर्ष भाद्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरितालिका तीज व्रत मनाई जाती है। भाद्रपद की शुक्ल तृतीया को हस्त नक्षत्र में भगवान शिव और माता पार्वती के पूजन का विशेष महत्व है। इस वर्ष 26 अगस्त मंगलवार को हरितालिका तीज व्रत है, यह व्रत निराहार और निर्जला किया जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान शंकर को पति रूप में पाने के लिए किया था। इस व्रत को करने से महिलाओं को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। 25 अगस्त सोमवार को तृतीया तिथि आरंभ दिन 11:48 से है। जबकि समाप्ति 26 अगस्त मंगलवार को दिन के 12:48 पर है। इसके बाद चतुर्थी तिथि प्रारंभ होगी। जो संपूर्ण रात्रि भोगकर अगले दिन 2:14 पर समाप्त होगी। इसलिए इस वर्ष 26 अगस्त मंगलवार को ही हरितालिका तीज व्रतएवं चतुर्थी चंद्र व्रत रखा जाएगा।

हरितालिका तीज व्रत के नियम

हरितालिका तीज व्रत के नियम 1,इस व्रत में जल ग्रहण न करें, 2 इस व्रत को करने के बाद छोड़ नहीं जाता है 3 दिन रात्रि जागरण करके करना चाहिए,4 कुमारी कन्याएं एवं सौभाग्यवती स्त्रियां इस व्रत को विशेष श्रद्धा से करती है,5 तीज व्रत प्रदोष काल में किया जाना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। सूर्यास्त के बाद तीन मुहूर्त को प्रदोष काल कहते हैं यह दिन और रात्रि के मिलन का समय होता है। भगवान शिव माता पार्वती और भगवान गणेश की बालू रेत व काली मिट्टी के प्रतिमा हाथों से बना कर पूजन करने का विधान है।

पूजन का शुभ मुहूर्त प्रातः-5:56 से 8:31 दिन तक l शुभ प्रदोष काल मुहूर्त- संध्या 6:11 से रात्रि 8:35 तक।