“गुरु-गौरव का उत्सव” : जब मंच पर चमके शिक्षा के सितारे

न्यूज स्कैन रिपाेर्टर, भागलपुर

रविवार की दोपहर भागलपुर के वृन्दावन कॉन्फ्रेंस हॉल में एक अद्भुत दृश्य देखने को मिला। आमतौर पर कक्षा में chalk और blackboard से सजी रहने वाली हस्तियां इस बार तालियों की गूंज के बीच मंच पर सजी थीं – मौका था जिले के प्रधान शिक्षकों के सम्मान समारोह का।

दीपों की रोशनी से शुरू हुए इस भव्य समारोह में जब जिला कार्यक्रम पदाधिकारी विनय कुमार सुमन और सन्हौला के बीईओ अजेयेश्वर पांडेय ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन किया, तो जैसे शिक्षा की लौ और भी प्रखर हो उठी।

इस कार्यक्रम की कमान संभाली प्रारंभिक विद्यालय शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक बिवेका नंद सिंह ने, जिनके शब्दों में न केवल जोश था बल्कि संकल्प की शक्ति भी झलक रही थी। मंच संचालन में सजीवता लाई सतीश तिवारी और मिथुन कुमार सिंह की जोड़ी ने, जिनकी आवाज़ों में शिक्षकों के सम्मान का गर्व स्पष्ट झलक रहा था।

प्रधान शिक्षक सिर्फ एक पद नहीं, यह एक दृष्टिकोण है जो विद्यालय को आदर्श बना सकता है।यह कहना था क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक अहसन सर का, जिनका संबोधन न केवल प्रेरणादायक था बल्कि शिक्षकों के मन में आत्मविश्वास भी भर गया।

समारोह में विद्यालय प्रबंधन की चुनौतियों, समाधान, और आदर्श विद्यालय की अवधारणा पर विस्तृत चर्चा हुई। डीपीओ विनय सुमन और बीईओ अजेयेश्वर पांडेय ने न केवल मार्गदर्शन किया, बल्कि शिक्षकों के सामने संभावनाओं का एक नया क्षितिज खोल दिया।

जब सम्मान मिला, तो चेहरों पर आई चमक

सैकड़ों प्रधान शिक्षकों को जब मंच से अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए, तो यह केवल एक औपचारिकता नहीं थी – यह था उनके वर्षों के समर्पण, मेहनत और नेतृत्व को सलाम।

अमित विक्रम, शिक्षक संघ के संस्थापक सदस्य, ने अधिकार के साथ-साथ कर्तव्यों की अहमियत बताई और शिक्षकों के खोए हुए सम्मान को पुनः स्थापित करने की बात कही, जो श्रोताओं के दिलों को छू गया।

वादे, भरोसे और संकल्पों की गूंज

बिवेका नंद सिंह ने बीपीएससी के माध्यम से प्रधान शिक्षकों की नियुक्ति को शिक्षा में “क्रांतिकारी बदलाव” बताया। वहीं, सतीश तिवारी ने शिक्षकों को समस्याओं के शीघ्र समाधान का भरोसा दिया। शशांक राज, कृष्णनंदन उपाध्याय, दीपक झा, अर्जुन केशरी, राकेश कोणार्क, पुरुषोत्तम सिंह, मनीष कुमार और फिरदौस आलम, जो इस पूरे आयोजन की रीढ़ बनकर खड़े रहे। कार्यक्रम में मिहिर वत्स, लीना कुमारी, रितु मिश्रा, चंदन कुमार, सुनिता सिंह, अमृता चतुर्वेदी जैसे अनेकों शिक्षकों को भी सम्मानित किया गया।