पूर्व विधायक सिकंदर सिंह को कोर्ट ने लगाई फटकार, सरकारी कार्य में बाधा डालने का मामला

न्यूज स्कैन ब्यूरो,किशनगंज

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व विधायक सिकंदर सिंह को सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने और सरकारी कर्मचारी के साथ अभद्र व्यवहार करने के मामले में कोर्ट ने फटकार लगाई है। सोमवार को अपर एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम के न्यायालय में लंबी सुनवाई के बाद सिकंदर सिंह को दोषी पाया गया। हालांकि, उन्हें परिवीक्षा अधिनियम की धारा 3 के तहत लाभ देते हुए डांटकर छोड़ दिया गया।

यह मामला 15 अक्टूबर 2015 का है, जब सिकंदर सिंह अनुमंडल कार्यालय में नामांकन पत्र दाखिल करने पहुंचे थे। आरोप है कि इस दौरान उन्होंने अनुमंडल पदाधिकारी के कार्यालय में तैनात सरकारी कर्मचारियों के साथ बदसलूकी की और सरकारी कार्य में बाधा डाली। तत्कालीन अंचलाधिकारी सह दंडाधिकारी समीर कुमार ने इस घटना के बाद उनके खिलाफ सदर थाना में कांड संख्या 426/15 दर्ज करवाया था। लोक अभियोजक जितेंद्र कुमार ने बताया कि मामले की सुनवाई लंबे समय तक चली, जिसमें पूर्व विधायक को दोषी करार दिया गया।

गौरतलब है कि सिकंदर सिंह के खिलाफ पहले भी कई आपराधिक मामले दर्ज हो चुके हैं। उनकी विवादित गतिविधियां अक्सर चर्चा में रही हैं। इस मामले में कोर्ट का फैसला आने के बाद स्थानीय लोगों में भी इसकी खूब चर्चा हो रही है। कोर्ट ने अपने फैसले में सख्त रुख अपनाते हुए स्पष्ट किया कि सरकारी कार्य में बाधा डालना और कर्मचारियों के साथ अभद्रता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

लोक अभियोजक ने बताया कि कोर्ट ने परिवीक्षा अधिनियम के तहत सजा को हल्का करते हुए सिकंदर सिंह को चेतावनी दी है। इस फैसले को लेकर कुछ लोग इसे पर्याप्त सजा न मानते हुए सवाल भी उठा रहे हैं, जबकि कुछ का कहना है कि यह एक सबक के तौर पर पर्याप्त है। इस मामले ने एक बार फिर सिकंदर सिंह को सुर्खियों में ला दिया है।